Join Sai Baba Announcement List


DOWNLOAD SAMARPAN - Nov 2018





Poll

Sai baba, meri manokaamna kab puri hogi?

mere sai mujhe per kirpa karo
2 (28.6%)
mere sai hamesha mere saath raho
5 (71.4%)

Total Members Voted: 7

Author Topic: "श्री साईं कष्ट निवारण मंत्र"  (Read 7778 times)

0 Members and 1 Guest are viewing this topic.

Offline suman_tanya

  • Member
  • Posts: 6
  • Blessings 0
जय साईं राम,
साईं बाबा के चरणों में यह छोटी सी भेट.
                   "श्री साईं कष्ट निवारण मंत्र"
 
 "सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय"
 कष्टों की काली छाया दुखदायी है,
  जीवन में घोर उदासी लायी है!
  संकट को तालो साईं दुहाई है,
  तेरे सिवा न कोई सहाई है !
 मेरे मन तेरी मूरत समाई है,
 हर पल हर शन महिमा गायी है!
घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,
आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है!
तुम भोले नाथ हो दया निधान हो,
तुम हनुमान हो तुम बलवान हो!
तुम्ही राम और श्याम हो,
सारे जगत में तुम सबसे महान हो!
तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे,
करता हूँ प्रार्थना भव से तार दे!
तुम्ही मोहमद हो गरीब नवाज़ हो,
नानक की बानी  में ईसा के साथ हो!
तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो,
हो बुध तुम्ही और महावीर हो!
सारे जगत का तुम्ही आधार हो,
निराकार भी और साकार हो!
करता हूँ वंदना प्रेम विशवास से,
सुनो साईं अल्लाह के वास्ते!
अधरों पे मेरे नहीं मुस्कान है,
घर मेरा बनने लगा शमशान है!
रहम नज़र करो उज्ढ़े वीरान पे,
जिंदगी संवरेगी एक वरदान से!
पापों की धुप से तन लगा हारने,
आपका यह दास लगा पुकारने!
आपने सदा ही लाज बचाई है,
देर न हो जाये मन शंकाई है!
धीरे-धीरे धीरज ही खोता है,
मन में बसा विशवास ही रोता है!
मेरी कल्पना साकार कर दो,
सूनी जिंदगी में रंग भर दो!
ढोते-ढोते पापों का भार जिंदगी से,
मैं गया हार जिंदगी से!
नाथ अवगुण अब तो बिसारो,
कष्टों की लहर से आके उबारो!
करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ,
ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ!
करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं,
तार दो जीवन ये चरणों की धूल से!
तुमने ऊजरा हुआ घर बसाया,
पानी से दीपक भी तुमने जलाया!
तुमने ही शिरडी को धाम बनाया,
छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया!
कष्ट पाप श्राप उतारो,
प्रेम दया दृष्टि से निहारो!
आपका दास हूँ ऐसे न टालिए,
गिरने लगा हूँ साईं संभालिये!
साईजी बालक मैं अनाथ हूँ,
तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ!
जैसा भी हूँ , हूँ तो आपका,
कीजे निवारण मेरे संताप का!
तू है सवेरा और मैं रात हूँ,
मेल नहीं कोई  फिर भी साथ हूँ!
साईं मुझसे मुख न मोड़ो,
बीच मझधार अकेला न छोड़ो!
आपके चरणों में बसे प्राण है,
तेरे वचन मेरे गुरु समान है!
आपकी राहों पे चलता दास है,
ख़ुशी नहीं कोई जीवन उदास है!
आंसू की धारा में डूबता किनारा,
जिंदगी में दर्द , नहीं गुज़ारा!
लगाया चमन तो फूल खिलायो,
फूल खिले है तो खुशबू भी लायो!
कर दो इशारा तो बात बन जाये,
जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये!
बीता ज़माना यह गाके फ़साना,
सरहदे ज़िन्दगी  मौत तराना!
देर तो हो गयी है अंधेर ना हो,
फ़िक्र मिले लकिन फरेब ना हो!
देके टालो या दामन बचा लो,
हिलने लगी रहनुमाई संभालो!
तेरे दम पे अल्लाह की शान है,
सूफी संतो का ये बयान है!
गरीबों की झोली में भर दो खजाना,
ज़माने के वली करो ना बहाना!
दर के भिखारी है मोहताज है हम,
शंहंशाये आलम करो कुछ करम!
तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत,
तुम सदगुरू साईं हो समरथ!
आये हो धरती पे देने सहारा,
करने लगे क्यूँ हमसे किनारा!
जब तक  ये ब्रह्मांड रहेगा,
साईं तेरा नाम रहेगा!
चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे,
जन्मोजनम हम रास्ता निहारेंगे!
आत्मा बदलेगी चोले हज़ार,
हम मिलते रहेंगे बारम्बार!
आपके कदमो में बैठे रहेंगे,
दुखड़े दिल के कहते रहेंगे!
आपकी मर्जी है दो या ना दो,
हम तो कहेंगे दामन ही भर दो!
तुम हो दाता हम है भिखारी,
सुनते नहीं क्यूँ अर्ज़   हमारी!
अच्छा चलो एक बात बता दो,
क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो!
जो नहीं देना है इनकार कर दो,
ख़तम ये आपस की तकरार कर दो!
लौट के खाली चला जायूँगा,
फिर भी गुण तेरे गायूँगा!
जब तक काया है तब तक माया है,
इसी में दुखो का मूल समाया है!
सबकुछ जान के अनजान हूँ मैं,
अल्लाह की तू शान तेरी शान हूँ मैं!
तेरा करम सदा सब पे रहेगा,
ये चक्र युग-युग चलता रहेगा!
जो प्राणी गायेगा साईं तेरा नाम,
उसको मुक्ति मिले पहुंचे परम धाम!
ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगे,
राहू , केतु , शनि निकट ना आयेंगे!
टाल जायेंगे संकट सारे,
घर में वास  करें सुख सारे!
जो श्रधा से करेगा पठन,
उस पर देव सभी हो प्रस्सन!
रोग समूल नष्ट हो जायेंगे,
कष्ट निवारण मंत्र जो गायेंगे!
चिंता हरेगा निवारण जाप,
पल में दूर हो सब पाप!
जो ये पुस्तक नित दिन बांचे,
श्री लक्ष्मीजी घर उसके सदा विराजे!
ज्ञान , बुधि प्राणी वो पायेगा,
कष्ट निवारण मंत्र जो धयायेगा!
ये मंत्र भक्तों कमाल करेगा,
आई जो अनहोनी तो टाल देगा!
भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर ,
इस मंत्र में साईं शक्ति भरपूर!
जपते रहे जो मंत्र अगर,
जादू-टोना भी हो बेअसर!
इस मंत्र में सब गुण समाये,
ना हो भरोसा तो आजमाए!
ये मंत्र साईं वचन ही जानो,
सवयं अमल कर सत्य पहचानो!
संशय ना लाना विशवास जगाना,
ये मंत्र सुखों का है खज़ाना!
इस पुस्तक में साईं का वास,
जय साईं श्री साईं जय जय साईं!
 
Thanks & Best Regards

Suman Chauhan [/font] [/color] [/color]
« Last Edit: July 26, 2010, 05:25:36 AM by suman_tanya »

Offline seema sharma

  • Member
  • Posts: 2
  • Blessings 0
जय साईं राम,
साईं बाबा के चरणों में यह छोटी सी भेट.
                   "श्री साईं कष्ट निवारण मंत्र"
 
 "सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय"
 कष्टों की काली छाया दुखदायी है,
  जीवन में घोर उदासी लायी है!
  संकट को तालो साईं दुहाई है,
  तेरे सिवा न कोई सहाई है !
 मेरे मन तेरी मूरत समाई है,
 हर पल हर शन महिमा गायी है!
घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,
आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है!
तुम भोले नाथ हो दया निधान हो,
तुम हनुमान हो तुम बलवान हो!
तुम्ही राम और श्याम हो,
सारे जगत में तुम सबसे महान हो!
तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे,
करता हूँ प्रार्थना भव से तार दे!
तुम्ही मोहमद हो गरीब नवाज़ हो,
नानक की बानी  में ईसा के साथ हो!
तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो,
हो बुध तुम्ही और महावीर हो!
सारे जगत का तुम्ही आधार हो,
निराकार भी और साकार हो!
करता हूँ वंदना प्रेम विशवास से,
सुनो साईं अल्लाह के वास्ते!
अधरों पे मेरे नहीं मुस्कान है,
घर मेरा बनने लगा शमशान है!
रहम नज़र करो उज्ढ़े वीरान पे,
जिंदगी संवरेगी एक वरदान से!
पापों की धुप से तन लगा हारने,
आपका यह दास लगा पुकारने!
आपने सदा ही लाज बचाई है,
देर न हो जाये मन शंकाई है!
धीरे-धीरे धीरज ही खोता है,
मन में बसा विशवास ही रोता है!
मेरी कल्पना साकार कर दो,
सूनी जिंदगी में रंग भर दो!
ढोते-ढोते पापों का भार जिंदगी से,
मैं गया हार जिंदगी से!
नाथ अवगुण अब तो बिसारो,
कष्टों की लहर से आके उबारो!
करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ,
ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ!
करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं,
तार दो जीवन ये चरणों की धूल से!
तुमने ऊजरा हुआ घर बसाया,
पानी से दीपक भी तुमने जलाया!
तुमने ही शिरडी को धाम बनाया,
छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया!
कष्ट पाप श्राप उतारो,
प्रेम दया दृष्टि से निहारो!
आपका दास हूँ ऐसे न टालिए,
गिरने लगा हूँ साईं संभालिये!
साईजी बालक मैं अनाथ हूँ,
तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ!
जैसा भी हूँ , हूँ तो आपका,
कीजे निवारण मेरे संताप का!
तू है सवेरा और मैं रात हूँ,
मेल नहीं कोई  फिर भी साथ हूँ!
साईं मुझसे मुख न मोड़ो,
बीच मझधार अकेला न छोड़ो!
आपके चरणों में बसे प्राण है,
तेरे वचन मेरे गुरु समान है!
आपकी राहों पे चलता दास है,
ख़ुशी नहीं कोई जीवन उदास है!
आंसू की धारा में डूबता किनारा,
जिंदगी में दर्द , नहीं गुज़ारा!
लगाया चमन तो फूल खिलायो,
फूल खिले है तो खुशबू भी लायो!
कर दो इशारा तो बात बन जाये,
जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये!
बीता ज़माना यह गाके फ़साना,
सरहदे ज़िन्दगी  मौत तराना!
देर तो हो गयी है अंधेर ना हो,
फ़िक्र मिले लकिन फरेब ना हो!
देके टालो या दामन बचा लो,
हिलने लगी रहनुमाई संभालो!
तेरे दम पे अल्लाह की शान है,
सूफी संतो का ये बयान है!
गरीबों की झोली में भर दो खजाना,
ज़माने के वली करो ना बहाना!
दर के भिखारी है मोहताज है हम,
शंहंशाये आलम करो कुछ करम!
तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत,
तुम सदगुरू साईं हो समरथ!
आये हो धरती पे देने सहारा,
करने लगे क्यूँ हमसे किनारा!
जब तक  ये ब्रह्मांड रहेगा,
साईं तेरा नाम रहेगा!
चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे,
जन्मोजनम हम रास्ता निहारेंगे!
आत्मा बदलेगी चोले हज़ार,
हम मिलते रहेंगे बारम्बार!
आपके कदमो में बैठे रहेंगे,
दुखड़े दिल के कहते रहेंगे!
आपकी मर्जी है दो या ना दो,
हम तो कहेंगे दामन ही भर दो!
तुम हो दाता हम है भिखारी,
सुनते नहीं क्यूँ अर्ज़   हमारी!
अच्छा चलो एक बात बता दो,
क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो!
जो नहीं देना है इनकार कर दो,
ख़तम ये आपस की तकरार कर दो!
लौट के खाली चला जायूँगा,
फिर भी गुण तेरे गायूँगा!
जब तक काया है तब तक माया है,
इसी में दुखो का मूल समाया है!
सबकुछ जान के अनजान हूँ मैं,
अल्लाह की तू शान तेरी शान हूँ मैं!
तेरा करम सदा सब पे रहेगा,
ये चक्र युग-युग चलता रहेगा!
जो प्राणी गायेगा साईं तेरा नाम,
उसको मुक्ति मिले पहुंचे परम धाम!
ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगे,
राहू , केतु , शनि निकट ना आयेंगे!
टाल जायेंगे संकट सारे,
घर में वास  करें सुख सारे!
जो श्रधा से करेगा पठन,
उस पर देव सभी हो प्रस्सन!
रोग समूल नष्ट हो जायेंगे,
कष्ट निवारण मंत्र जो गायेंगे!
चिंता हरेगा निवारण जाप,
पल में दूर हो सब पाप!
जो ये पुस्तक नित दिन बांचे,
श्री लक्ष्मीजी घर उसके सदा विराजे!
ज्ञान , बुधि प्राणी वो पायेगा,
कष्ट निवारण मंत्र जो धयायेगा!
ये मंत्र भक्तों कमाल करेगा,
आई जो अनहोनी तो टाल देगा!
भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर ,
इस मंत्र में साईं शक्ति भरपूर!
जपते रहे जो मंत्र अगर,
जादू-टोना भी हो बेअसर!
इस मंत्र में सब गुण समाये,
ना हो भरोसा तो आजमाए!
ये मंत्र साईं वचन ही जानो,
सवयं अमल कर सत्य पहचानो!
संशय ना लाना विशवास जगाना,
ये मंत्र सुखों का है खज़ाना!
इस पुस्तक में साईं का वास,
जय साईं श्री साईं जय जय साईं!
 
Thanks & Best Regards

Suman Chauhan [/font] [/color] [/color]

 


Facebook Comments