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Sai Literature => सांई बाबा के हिन्दी मै लेख => Topic started by: spiritualworld on May 30, 2012, 03:43:11 AM

Title: बाबा का विचित्र शयन (Shri Sai Baba Ji Real Stories with mp3 audio)
Post by: spiritualworld on May 30, 2012, 03:43:11 AM
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साईं बाबा पूर्ण सिद्ध थे| उन्हें दुनियादारी से कोई सरोकार न था| बाबा अपनी समाधि में सदैव लीन रहते थे| सब प्राणियों से समान भाव से प्यार करते थे| बाबा का रहन-सहन भी बड़ा विचित्र था| बाबा सदैव फकीर के वेष में रहा करते थे| उनके सोने का ढंग भी बड़ा ही विचित्र था| बाबा मस्जिद में ही रहा करते थे और वहीं पर सोते भी थे| बाबा के सोने की जगह पर, ऊपर एक लकड़ी की तख्ती टंगी हुई थी| वह आठ फट के लगभग लम्बी और हथेली जितनी चौड़ी थी| जो फटी-पुरानी कपड़ों की चिन्दियों के सहारे झूले की तरह टंगी हुई थी| चिंदिया हालांकि पतलों और कमजोर थीं| उनके द्वारा तख्ती को झूले की तरह लटकाकर उस पर बाबा का सोना लोगों के लिए बड़े ही आश्चर्य का विषय था| वे सोचते थे कि जब बाबा इस पर सोते होंगे तो यह बाबा का वजन कैसे उठा पाती होगी| पर, लोग बाबा की लीला से शायद परिचित नहीं थे|

जब साईं बाबा सोते थे तो वह दृश्य बड़ा ही लुभावना होता था| बाबा के सिर और पैरों की तरफ मिट्टी के दीये जलते रहते थे| देखने वाले यह नहीं जान पाते थे कि बाबा कब इस तख्ती पर चढ़ते और उतरते हैं ? साईं की लीला तो बस साईं ही जानें| जब बाबा के शयन को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी तो एक दिन बाबा ने उस तख्ती को तोड़कर फेंक दिया और फिर सदैव टाट के टुकड़े पर ही शयन करने लगे| बाबा को आठों सिद्धियां और नवनिधियां हासिल थीं, पर बाबा ने अपने जीवन में कभी किसी चमत्कार का प्रदर्शन नहीं किया|


Source: http://spiritualworld.co.in/an-introduction-to-shirdi-wale-shri-sai-baba-ji-shri-sai-baba-ji-ka-jeevan/shri-sai-baba-ji-ki-lilaye/1600-sai-baba-ji-real-story-baba-ka-vichitr-shayan.html