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Sai Literature => सांई बाबा के हिन्दी मै लेख => Topic started by: spiritualworld on February 28, 2012, 12:53:00 AM

Title: ऊदी के चमत्कार से पुत्र-प्राप्ति (Real Story Shri Sai Baba Ji with mp3 voiceover)
Post by: spiritualworld on February 28, 2012, 12:53:00 AM
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शिरडी के पास के गांव में लक्ष्मीबाई नाम की एक स्त्री रहा करती थी| नि:संतान होने के कारण वह रात-दिन दु:खी रहा करती थी| जब उसको साईं बाबा के चमत्कारों के विषय में पता चला तो वह द्वारिकामाई मस्जिद में आकर वह साईं बाबा के चरणों पर गिरने ही वाली थी कि साईं बाबा ने तुरंत उसे कंधों से थाम लिया और बोले- "मां, यह क्या करती हो ?"

लक्ष्मी बुरी तरह से रोने लगी|

साईं बाबा बोले - "माँ, रोने की जरा भी जरूरत नहीं है| अब तुम यहां आ गई हो तो भगवान तुम्हारे दुःख अवश्य ही दूर करेंगे|"

लक्ष्मी ने दोनों हाथों से अपने आँसू पोंछे और बोली - "साईं बाबा ! मेरा दुःख तो आप जानते ही हैं|"

"हां, माँ ! मुझे सब पता है|"

"तो तब मेरा दुःख दूर करो न बाबा !" - वह रुंधे स्वर में बोली|

"अवश्य दूर होगा, ईश्वर पर भरोसा रखो|"

फिर साईं बाबा ने अपनी धूनी में से भभूति उठाकर उसे दी और बोले - "चुटकीभर इसे खा लेना और चुटकीभर अपने पति को खिला देना| तुम्हारी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी|"

लक्ष्मीबाई ने पूर्ण श्रद्धा के साथ बाबा की दी हुई भभूति अपने आँचल के एक छोर में बांध ली और बाबा का गुणगान करती वापस अपने गांव आ गयी| साईं बाबा के कहे अनुसार एक चुटकी भभूति पति को खिलाने के बाद दूसरी चुटकी भभूति उसने स्वयं खा ली| उसे साईं बाबा पर पूरी श्रद्धा और विश्वास था|

सही समय पर वह गर्भवती हो गयी| उसकी खुशी की कोई सीमा न रही| वह सारे गांव में हर समय साईं बाबा का गुणगान करती घूमती-फिरती थी|

उसके गांव का प्रधान दादू साईं बाबा का कट्टर विरोधी था| वह साईं बाबा को भ्रष्ट मानता था| साईं बाबा भ्रष्ट आदमी है| वह हिन्दू है, न मुसलमान| ऐसा आदमी भ्रष्ट माना जाता है| लक्ष्मी द्वारा गांव में बाबा का गुणगान करते फिरना उसे बहुत बुरा लगा|

उसने लक्ष्मी को बुलाकर डांटा - "तू साईं बाबा का नाम लेकर उसका प्रचार करती क्यों फिरती है ?"

"साईं बाबा बहुत पहुंचे हुए महापुरुष हैं|"

"तेरा दिमाग खराब हो गया है|" प्रधान गुस्से से आगबबूला हो गया|

उसने लक्ष्मी को बहुत बुरी तरह से डांटा और धमकाया और आगे से फिर कभी साईं बाबा का नाम न लेने का आदेश सुना दिया| पर वह भला कहां मानने वाली थी, उसने साईं बाबा का गुणगान पहले की तरह करना जारी रखा| इस पर गांव-प्रधान और बुरी तरह से जल-भुन गया| उसने लक्ष्मी को सबक सिखाने की सोची|

लक्ष्मी गर्भवती है| यदि किसी तरह से इसका गर्भ नष्ट कर दिया जाये, तो वह पागल हो जायेगी और साईं बाबा का गुणगान करना बंद कर देगी| अपने मन में ऐसा विचार कर प्रधान ने लक्ष्मीबाई को गर्भपात की अचूक दवा दे दी| उसने यह चाल इस प्रकार चली कि लक्ष्मीबाई को इस बारे में जरा-सा भी संदेह न हुआ|

जब दवा ने अपना असर दिखाना शुरू किया तो लक्ष्मी बुरी तरह से घबरा गयी|

"हे भगवान् ! यह क्या हो गया ? साईं बाबा ने मुझे यह किस अपराध की सजा दी है, अथवा मुझसे ऐसी क्या भूल हो गयी है जिसका दण्ड साईं बाबा मुझे इस प्रकार दे रहे हैं ?"

वह तुरंत शिरडी की ओर भागी|

गिरते-पड़ते हुए वह शिरडी आयी| द्वारिकामाई मस्जिद आकर वह साईं बाबा के सामने बुरी तरह से विलाप करने लगी| साईं बाबा मौन बैठे रहे| लक्ष्मी बिलख-बिलख कर अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगने लगी| साईं बाबा ने उसे एक चुटकी भभूति देकर कहा - "इसे खा ले| जा भाग यहां से, सब ठीक हो जायेगा| चिंता मत कर|"

लक्ष्मी ने तुरंत साईं बाबा की आज्ञा का पालन किया| भभूति खाते ही उसका रक्तस्त्राव बंद हो गया| ठीक इसी समय प्रधान की हालात मरणासन्न हो गयी| वह मुंह से खून फेंकने लगा| उसे अत्यंत घबराहट होने लगी| वह समझ गया कि यह सब साईं बाबा का ही चमत्कार है|"

उसे अपनी गलती का अहसास हो गया|

वह भागकर शिरडी पहुंचा और साईं बाबा के चरणों में गिरकर अपनी गलती के लिए क्षमा याचना करने लगा| बाबा ने उसे क्षमा कर दिया| वह ठीक हो गया|

लक्ष्मीबाई ने सही समय पर एक बच्चे को जन्म दिया| उसकी मनोकामना पूरी हो गयी| प्रधान ने भी खुशियां मनायीं और वह साईं बाबा की जय-जयकार करने लगा|

लक्ष्मीबाई अपना पुत्र लेकर साईं बाबा के पास आयी और उसे साईं बाबा के चरणों में डाल दिया| साईं बाबा ने उसे आशीर्वाद दिया|

अब साईं बाबा की जय-जयकार दूर-दूर तक गूंजने लगी थी| उनका नाम और प्रसिद्धि फैलती जा रही थी| उनके भक्तों की संख्या में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही थी| लोग बड़ी दूर-दूर से उनके दर्शन करने के लिए आने लगे थे|



Source: http://spiritualworld.co.in/an-introduction-to-shirdi-wale-shri-sai-baba-ji-shri-sai-baba-ji-ka-jeevan/shri-sai-baba-ji-ki-lilaye/1577-sai-baba-ji-real-story-udi-ke-chamatkar-se-putr-prapti.html