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Sai Literature => सांई बाबा के हिन्दी मै लेख => Topic started by: Admin on December 13, 2012, 03:12:30 AM

Title: Coffee Shop
Post by: Admin on December 13, 2012, 03:12:30 AM
इटली के वेनिस शहर में स्थित एक कॉफी शॉप का दृश्य है। एक व्यक्ति कॉफी शॉप में आता है और वेटर को आवाज देता है। वेटर के आने पर वह ऑर्डर प्लेस करता है- ‘दो कप कॉफी। एक मेरे लिए और एक उस दीवार के लिए।’ जाहिर है, इस तरह का ऑर्डर सुनकर आपका भी ध्यान उस ओर आकर्षित होगा। खैर, वेटर एक कप कॉफी ले आता है। लेकिन उसे दो कप का भुगतान किया जाता है। उस ग्राहक के बाहर निकलते ही वेटर दीवार पर नोटिस बोर्ड टाइप का एक कागज चिपकाता है, जिस पर लिखा होता है- ‘एक कप कॉफी’।

पांच मिनट बाद दो और व्यक्ति कॉफी शॉप में आते हैं और तीन कप कॉफी का ऑर्डर देते हैं। दो कप कॉफी उनके लिए और एक कप दीवार के लिए। उनके समक्ष दो कप कॉफी पेश की जाती है, लेकिन वे तीन कप कॉफी का भुगतान कर वहां से चले जाते हैं। इस बार भी वेटर वही करता है। वह दीवार पर ‘एक कप कॉफी’ का एक और कागज चस्पां करता है।

इटली के खूबसूरत शहर वेनिस में आप इस तरह का नजारा अक्सर देख सकते हैं। वेनिस नहरों द्वारा विभाजित मगर सेतुओं के जरिये आपस में जुड़े ११८ छोटे टापुओं के एक समूह पर बसा खूबसूरत शहर है। वर्ष २०१० में इसकी कुल आबादी तकरीबन २७२,००० आंकी गई और इसकी आतिथ्य संस्कृति का कोई जवाब नहीं है।

बहरहाल, उस कॉफी शॉप में बैठकर ऐसा लगा मानो यह वहां की आम संस्कृति है। हालांकि वहां पहली बार आने वाले शख्स को यह बहुत अनूठा और हैरतनाक लग सकता है। मैं वहां कुछ देर और बैठा रहा। कुछ समय बाद एक और शख्स वहां आया। वह आदमी अपनी वेश-भूषा के हिसाब से कतई उस कॉफी शॉप के स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं लग रहा था। उसके पहनावे व हाव-भाव से गरीबी साफ झलक रही थी। वहां आकर वह एक टेबल पर जाकर बैठ गया और दीवार की ओर इशारा करते हुए वेटर से बोला- ‘दीवार से एक कप कॉफी’। वेटर ने पूरे अदब के साथ उसे कॉफी पेश की। उसने अपनी कॉफी पी और बगैर कोई भुगतान किए वहां से चला गया।

इसके बाद वेटर ने दीवार से कागज का एक टुकड़ा निकाला और डस्टबिन में फेंक दिया। अब तक आपको पूरा मामला समझ में आ गया होगा। इस शहर के रहवासियों द्वारा जरूरतमंदों के प्रति दर्शाए जाने वाले इस सम्मान को देख मैं अभिभूत हो गया। कॉफी किसी भी सोसायटी के लिए जरूरी नहीं होती और न ही यह हम में से किसी के लिए जिंदगी की जरूरत है। लेकिन इन कड़कड़ाती सर्दियों में गरमागरम कॉफी से गरीबों के शरीर में थोड़ी देर के लिए जरूर गर्माहट आ सकती है। गौरतलब बात यह है कि जब कोई किसी तरह के अनुग्रह का लुत्फ लेता है, तो संभवत: हमें उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए, जो उस विशेष अनुग्रह की उतनी ही कद्र करते हैं, जितनी कि हम करते हैं, लेकिन वे इसे वहन नहीं कर सकते।

जरा उस वेटर के किरदार पर गौर फरमाएं, जो देने वालों और लेने वालों के बीच इस आदान-प्रदान की प्रक्रिया में अपने चेहरे पर एक जैसी मुस्कान के साथ पूरी उदारता के साथ अपनी भूमिका निभाता है। इसके बाद उस जरूरतमंद शख्स पर गौर करें। वह अपने आत्मसम्मान से तनिक भी समझौता किए बगैर उस कॉफी शॉप में आता है। उसे मुफ्त एक प्याला कॉफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। बिना यह पूछे या जाने बगैर कि कौन-सा शख्स उसे यह एक कप कॉफी पिला रहा है, वह सिर्फ दीवार की ओर देखता है और अपने लिए ऑर्डर प्लेस करता है। इसके बाद वह अपनी कॉफी पीता है और चला जाता है। अब जरा उस दीवार की भूमिका पर गौर फरमाएं। यह उस शहर के रहवासियों की उदारता और सेवाभाव को प्रतिबिंबित करती है।
Title: Re: Coffee Shop
Post by: Gauri21 on December 22, 2012, 07:11:48 AM
om sai ram

realy inspiring message
Title: Re: Coffee Shop
Post by: nitin_super on March 20, 2014, 04:45:28 AM
actually they call is Suspended coffee..
Jai Sai Ram..