DwarkaMai - Sai Baba Forum

Sai Literature => सांई बाबा के हिन्दी मै लेख => Topic started by: JR on March 01, 2007, 12:33:43 AM

Title: सांई कष्ट निवारण मन्त्र
Post by: JR on March 01, 2007, 12:33:43 AM
   
।। सदगुरु सांई नाथ महाराज की जय ।।


कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लाई है ।

संकट को टालो सांई दुहाई है, तेरे सिवा ना कोई सहाई है ।

मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर क्षण महिमा गाई है ।

घर मेरे कष्टों की आँधी आई है, आपने क्यों मेरी सुध भुलाई है ।

तुम भोले नाथ हो दया निधान हो, तुम हनुमान हो महा बलवान हो ।

तुम्ही हो राम और तुम्ही श्याम हो, सारे जगत में तुम सबसे महान हो ।

तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे, करता हूँ प्रार्थना भव से तार दो ।

तुम्ही मुहम्मद हो गरीब नवाज हो, नानक की वाणी में ईसा के साथ हो ।

तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो, हो बुद्घ तुम्ही और महावीर हो ।

सारे जगत का तुम्ही आधार हो, निराकार भी और साकार हो ।

करता हूँ वन्दना प्रेम विश्वास से, सुनो सांई अल्लाह के वास्ते ।

अधरों में मेरे नहीं मुस्कान है, घर मेरा बनने लगा श्मशान है ।

रहम नजर करो उजड़े विरान पे, जिन्दगी संवरेगी इस वरदान से ।

पापों की धूप से तन लगा हारने, आपका ये दास लगा पुकारने ।

आपने सदा लाज बजाई है, देर ना हो जाये मन शंकाई है ।

धीरे-धीरे धीरज ही खोता है, मन में बसा विश्वास ही रोता है ।

मेरी कल्पना साकार कर दो, सूनी जिन्दगी में रंग भर दो । 

ढ़ोते-ढ़ोते पापों का भार जिन्दगी से, मैं हार गया जिन्दगी से ।

नाथ अवगुण अब तो बिसारो, कष्टों की लहर से आके उबारो ।

करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ, ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ ।

करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं, तार दो जीवन ये चरणों की धूल से ।

तुमने उजाड़ा हुआ घर बसाया, पानी से दीपक तुमने जलाया ।

तुमने ही शिरड़ी को धाम बनाया, छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया ।

कष्ट पाप श्राप उतारो, प्रेम दया दृष्टि से निहारो ।

आपका दास हूँ ऐसे ना टालिये, गिरने लगा हूँ सांई सम्भालिये ।

सांई जी बालक मैं अनाथ हूँ, तेरे भरोसे रहता दिन-रात हूँ ।

जैसा भी हूँ, हूँ तो आपका, कीजै निवारण मेरे संताप का ।

तू है सवेरा और मैं रात हूँ, मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ ।

सांई मुझसे मुख ना मोड़ो, बीच मझदार अकेला ना छोड़ो ।

आपके चरणों में बसे प्राण है, तेरे वचन मेरे गुरु समान है ।

आपकी राहों पे चलता दास है, खुशी नहीं कोई जीवन उदास है ।

आंसू की धारा है डूबता किनारा, जिन्दगी में दर्द, नहीं गुजारा ।

लगाया चमन तो फूल खिलाओ, फूल खिले है तो खुशबू भी लाओ ।

कर दो इशारा तो बात बन जाए, जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये ।

बीता जमाना ये गाकें फसाना, सरहदें जिन्दगी मौत तराना ।

देर तो हो गयी है अंधेर ना हो, फिक्र मिले लेकिन फरेब न हो ।

देके टालो या दामन बचा लो, हिलने लगी रहनुमाई सम्भालो ।

तेरे दम पे अल्लाह की शान है, सूफी संतों का ये बयान है ।

गरीब की झोली में भर दो खजाना, जमाने के वाली करो ना बहाना ।

दर के भिखारी है मोहताज है हम, शहंशाहे आलम करो कुछ करम ।

तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत, तुम सदगुरु सांई हो समरथ ।

आए तो धरती पे देने सहारा, करने लगे क्यों हमसे किनारा ।

जब तक ये ब्रहमांड रहेगा, सांई तेरा नाम रहेगा ।

चाँद सितारे तुम्हें पुकारेंगें, जन्मोजन्म हम रास्ता निहारेंगें ।

आत्मा बदलेगी चोले हजार, हम मिलते रहेंगे हर बार ।

आपके कदमों में बैठे रहेंगे, दुखड़े दिल के कहते रहेंगे ।

आपकी मरजी है दो या ना दो, हम तो कहेंगे दामन ही भर दो ।

तुम हो दाता हम है भिखारी, सुनते नहीं क्यों अरज हमारी ।

अच्छा चलो इक बात बता दो, क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो ।

जो नहीं देना है इन्कार कर दो, खत्म ये आपस की तकरार कर दो ।

लौट के खाली चला जाऊँगा, फिर भी गुण तो गाऊँगा ।

जब तक काया है तब तक माया है, इसी में दुःखों का मूल समाया है ।

सब कुछ जान के अनजान हूँ मैं, अल्लाह की तू शान तेरी हूँ शान में ।

तेरा करम सदा सबपे रहेगा, ये चक्र युग-युग चलता रहेगा ।

जो प्राणी गायेगा सांई तेरो नाम, उसको मिले मुक्ति पहुँचे परमधाम ।

ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगें, राहू, केतु, शनि निकट ना आएँगे ।

टल जाएंगें संकट सारे, घर में वास करें सुख सारे ।

जो श्रद्घा से करेगा पठन, उस पर देव सभी हो प्रसन्न ।

रोग समूह नष्ट हो जायेंगें, कष्ट निवारण मन्त्र जो गाएँगें ।

चिन्ता हरेगा निवारण जाप, पल में हो दूर हो सब पाप ।

जो ये पुस्तक नित दिन बांचे, लक्ष्मी जी घर उसके सदा बिराजै ।

ज्ञान बुद्घि प्राणी वो पायेगा, कष्ट निवारण मंत्र जो ध्यायेगा ।

ये मन्त्र भक्तों कमाल करेगा, आई जो अनहोनी तो टाल देगा ।

भूत प्रेत भी रहेंगे दूर, इस मन्त्र में सांई शक्ति भरपूर ।

जपते रहे जो मंत्र अगर, जादू टोना भी हो बेअसर ।

इस मंत्र में सब गुण समाये, ना हो भरोसा तो आजमाएँ ।

ये मंत्र सांई वचन ही जानो, स्वयं अमल कर सत्य पहचानो ।

संशय ना लाना विश्वास जगाना, ये मंत्र सुखों का है खजाना ।

इस पुस्तक में सांई का वास, सांई दया से ही लिख पाया दास ।।


   Jai Sai Ram
Title: Re: सांई कष्ट निवारण मन्त्र
Post by: rn on March 01, 2007, 01:19:49 AM
jyoti ji ,
jai sai ram
sai ram aapko or appkey ravi jo ko hamesha achi health de . or hamesha khush rakhey . sai ki jyoti or sai ke ravi ji per baba ki kirpa anant kaal tak bani  rahe .

daya kero baba apni beti jyoti or ravi per
sai sai sai
sai sai sai
tumhari devoti
Title: Re: सांई कष्ट निवारण मन्त्र
Post by: Ramesh Ramnani on April 19, 2007, 04:34:36 AM
जय सांई राम

शिर्डी मे अवतरित होने से पूर्व आप बाएं कन्धे पर झोली डाल कर माहुरीपुर (मातापुर) मे भीक्षा ग्रहण करते थे। हे दत्तावगार! नया चोला पाकर भी आपकी भिक्षावृति की प्रवृति छूटी नही। हे बाबा। आपकी केवल कृपा से भिखारी भी राजा बन सकता है; मगर भिक्षुक के रूप मे आपको अपने द्वार पर खड़े पाकर शिर्डीवासियों को आपकी पुकार यूं सुनाई पड़ती...."ओ माई। एक रोटी का टुकड़ा मिले।" लाखों करोड़ों लोगों को रोटी देने वाला भला क्यों रोटी मांगता किसी से। हे परब्रह्मा। मुझे तो आपकी आवाज़ यूं सुनाई पड़ती....

"माई। तेरे द्वार पर सांई पधारे है। इस बाबा का केवल ध्यान करो। भिक्षुक की झोली विशाल है। दुःख-कष्टों का दान करो।।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।
Title: Re: सांई कष्ट निवारण मन्त्र
Post by: saibetino1 on April 19, 2007, 04:42:32 AM
जय सांई राम

शिर्डी मे अवतरित होने से पूर्व आप बाएं कन्धे पर झोली डाल कर माहुरीपुर (मातापुर) मे भीक्षा ग्रहण करते थे। हे दत्तावगार! नया चोला पाकर भी आपकी भिक्षावृति की प्रवृति छूटी नही। हे बाबा। आपकी केवल कृपा से भिखारी भी राजा बन सकता है; मगर भिक्षुक के रूप मे आपको अपने द्वार पर खड़े पाकर शिर्डीवासियों को आपकी पुकार यूं सुनाई पड़ती...."ओ माई। एक रोटी का टुकड़ा मिले।" लाखों करोड़ों लोगों को रोटी देने वाला भला क्यों रोटी मांगता किसी से। हे परब्रह्मा। मुझे तो आपकी आवाज़ यूं सुनाई पड़ती....

"माई। तेरे द्वार पर सांई पधारे है। इस बाबा का केवल ध्यान करो। भिक्षुक की झोली विशाल है। दुःख-कष्टों का दान करो।।

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

ॐ सांई राम।।।



Om Sai Ram Om Sai Ram

         This messgae gave me goose bumps .

sai sai sai
neelam.