जय सांई राम
गर्मी हो सर्दी हो चाहे बरसात हो
बाबा को पूजों मैं दिन हो या रात हो
सोम मंगल बुद्व चाहे वीरवार हो
बाबा को ध्याऊ मैं
शुक्र, शनि, रविवार को
चाहे मुझे हो खांसी या बुखार है
बाबा रहें मन में
चाहे हम कितने बीमार हो
घर में रहूं या मुझे बाहर काम हो
बाब रहे संग मेरे,
चाहे कोई भी स्थान हो
अकेला हूं या चार जन साथ हों
ख्याल रहे तेरा,
चाहे कुछ भी हाल हो ।
जय सांई राम