जय सांई राम
सतरंगी तितली
बाबा से मिलने निकली ।
हर फूल फल में सांई सांई
हर शाख शाख में सांई सांई ।
बसन्त की ऋतु आई
सावन की बदली झाई ।
हो पतझड़ की अंगडाई
हर मौसम में सांई ।
सतरंगी तितली,
सांई सांई कहते कहते
हर फूल पर मंडराई
मिल गये उसको सांई
जै जै सांई जै जै साई जै ज सांई ।
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