जय सांई राम
इन्सान के रुप में देखा
भगवान के रुप में पूजा
इन्सान के रुप में समझा
भगवान के रुप में माना
फिर चले आओ सांई
जैसा छोड़ गये थे देश
बदल गया रुप - रंग और वेष
आज भी फैला तेरा-मेरा
धर्मों के नाम पर अँधेरा
फिर चले आओ सांई
हर कण में तू हर क्षण में तू
हर बल में त हर कल में तू
फिर चले आओ सांई
समय है नष्ट का
धरती पे कलयुग का
रह गया कुछ समय
नहीं बिताना नहीं गवाना
फिर चले आओ सांई
दर्शन, हर दिन मेरा प्रयास
अब टूट गई मेरी आस
फिर भी ना छोड़ा विश्वास
तू हर दम मेरे आस-पास
फिर चले आओ सांई
तू निद्रा में, तू सपनों में
तू ख्वाबों में, तू ख्यालो में
तू ही मेरी सांसों में
तू ही मेरी आहो में
फिर चले आओ सांई
बचपन मेंरा साई नाम से
खेल मेरा सांई नाम से
झूठ मेरा सांई नाम से
सच मेरा सांई नाम से
फिर चले आओ सांई
होगा तुम्हारा अवतार
अभी थोड़ा है इन्तजार
तुम पर है एतबार
हम सब है बेकरार
अब तो चले आओ सांई
जय सांई राम