कर्म फ़ल को भोगने के लिये ही व्यक्ति रात को जगता है,अगर दिन मे मेहनत से काम किया है,किसी को सताया नही है तो रात मे थक कर बहुत ही अच्छी नींद आती है,रात को जगने मे जगने वालों के लिये कहा है कि- या जगे कोई रोगी,भोगी,या जगे कोइ चोर,या जगे कोइ संत प्यारा,जाकी लागी प्रभु से डोर,बाबा से ध्यान मे बात करने बाला भी जगता है,मगर ध्यान मे जगने और चिन्ता मे जगने उतना ही अन्तर है ,जितना कि स्वर्ग और नरक का,रात को जल्दी सोये,और सुबह को जल्दी जागे,उस प्राणी से दुनिया के दुख दूर दूर ही भागे.
जय सांई राम,ले सांई नाम ।
जय सांई,ना भूल गुसांई ॥