मनुष्य को हमेशा अच्छा और गुणी का प्रयास करना चाहिए। केवल जब कोई मनुष्य अच्छे विचारों और भावनाओं से भर जायेगा और अच्छे कर्म करेगा तब उसका जीवन सार्थक हो जाएगा। आपको हमेशा ऐसे गतिविधि में अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए जिससे आपके समय और कौशल का उपयोग करके सर्वोत्तम लाभ लिया जा सकता हो। यही आपका कर्तव्य है , और कर्तव्य ही भगवान। हर मनुष्य को इस बात को समझना होगा कि शरीर उसे दूसरों की सेवा करने के लिए दिया गया है। आपको अपने शरीर का उपयोग समाज के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए। ऐसा मन जो दुसरो को आनंद प्रदान करने में नहीं होता और ऐसा शरीर जो दूसरों की सेवा में इस्तेमाल नहीं होता है, पूरी तरह से व्यर्थ है। सभी से प्रेम और सेवा द्वारा ही भगवन से प्रेम किया जा सकता है। ~ बाबा
विश्व भर के सभी मनुष्य ईश्वर के ओर तीर्थयात्रा के रूप में बढ़ रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति की प्रगति उनके द्वारा अपनाई गई अनुशासन
, चरित्र निर्माण, आदर्श के प्रति ध्यान, चुने गए नेतृत्व तथा मन में बढे विश्वास पर निर्भर करता है। जिस प्रकार अलग अलग जगह के पेड़ और पौधे, पक्षियों और जानवरों में अंतर होता है, उसी प्रकार एक समुदाय से दुसरे समुदाय में रीती रिवाज, प्रथा, आदर्श, अनुशासन अलग हो सकते है, जो उस क्षेत्र के लिए और उसके विकास के स्तर के लिए अच्छा होता है। आप किसी को एक समुदाय से दुसरे समुदाय में बदल नहीं सकते हैं। आप जिस माहौल में बड़े हुए हैं वही आपके लिए सबसे अनुकूल है।
~ बाबा