Join Sai Baba Announcement List


DOWNLOAD SAMARPAN - Nov 2018





Author Topic: अपने मन का साई  (Read 142199 times)

0 Members and 3 Guests are viewing this topic.

Offline SaiServant

  • Member
  • Posts: 804
  • Blessings 15
    • Sai Baba
Re: अपने मन का साई
« Reply #60 on: September 08, 2008, 10:03:04 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    मेरे मन के सांई ने आज मुझसे कहा - सच बोलने मे थोड़ी सी परेशानी जरुर होती है पर बाद मे जब सब कुछ ठीक हो जाता है तो मज़ा आने लगता है . फिर तो ऐसी आदत हो जाती है कि चाहे सच कितना ही कड़वा क्यूं ना हो मुह से सच ही निकलता है. मेरा अपना अनुभव रहा है कि एक झूठ बोल दो फिर ये सिलसिला चलता ही चला जाता है.

    क्यूं सच है ना ????

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।


    ॐ सांई राम~~~

    हांजी रमेश भाई...

    बिल्कुल सही कहा आप ने एक झूठ बोल दो फिर ये सिलसिला चलता ही चला जाता है....

    और एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ और बोलने पङते है....

    जय सांई राम~~~

           


    Om Sai Ram!


    Truth must be upheld at all costs. But, before we do that we need to make sure that something is "True'.  By merely acting on circumstantial evidence, we can end up convicting an innocent person.

    Violence is not only physical, it can be mental and emotional also. We don't need weapons to hurt, maim or kill others. We can use words to do that.  If truth is bitter or violent, it is better to keep silent. Instead of wounding or hurting others by the truth, it pays to keep silent and leave it to God.

    We know many instances in the lives of saints and sages who either maintained silence or spoke evasively to save a situation. Even in the life of Baba, we see how He avoided speaking when there was something delicate at stake.

    If words are silver, silence is golden. We need to use our power of discrimination to see the difference.


    Om Sai Ram!

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #61 on: September 19, 2008, 08:51:40 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    लेकिन मेरे मन का सांई तो सदा खुश रहता है। मैं अपनी कह सकता हूँ जब से मै उनकी शरण में आया हूँ मैने तो उन्हे हमेशा बस मन्द मन्द रहस्यमयी हंसी हंसते ही देखा है।  अरे ये तो रीत है ज़माने की इन छोटी छोटी बातों से हमे परेशान नही होना चाहिये। इस जहां में हर तरह के लोग होते हैं। सबको लौट के आना ही है शरण् में अपने बाबा की।  कुछ आसान और सरल रास्ते से आते हैं कुछ ललचाने वाला लम्बा रास्ता तय करके आते है। आना सबको ही है। तभी तो मेरे बाबा कहते है।

    चिराग़ जला के मेरे नाम का,
    चाहे वो बुझ जाए फिर भी,
    मुझे इन्तज़ार है,
    कि तू आएगा,
    खुली आंखों से न सही,
    बन्द पलकों के तले,
    मै तेरी एक आंसू की बूंद-सा,
    ठहर जाऊगा,
    मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
    कि तू आएगा।
    न इस तरह से मुझे,
    भूल जाने की कौशिश कर,
    मैं तेरा ही ख्वाब हूं,
    तू मुझे भूल नही पाएगा,
    मुझे इन्तज़ार है फिर भी,
    कि तू आएगा ज़रूर आएगा
    क्योंकि मैं...
    मैं तेरा सांई...
    सांई बाबा हूँ...

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।

    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #62 on: September 26, 2008, 07:59:24 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    जीवन एक संग्राम है,  और जीवन के संग्राम अपने आपको जीतने से जीते जा सकते हैं....

    इसलिये कोशिश करके शरीर को सेवा-श्रम में लगाओ!  इन्द्रियों को सयंम में लगाओ! मन को सुविचारों में लगाओ ! वाणी को सुशब्दों में लगाओ!  जीवन अपने आप सफल होने लगेगा....

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #63 on: October 20, 2008, 09:35:45 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    मैं तुम्हारे साथ हूँ एक अहसास की तरह मुझे बस इतना कहना है तुम सबसे, कभी मैं याद आऊ तो....

    कभी तन्हाई की राते तुम्हें ज़्यादा सतायें तो...
    कभी तितली ना बोले तो, और जुगुनू लौट जाये तो...
    कभी दिल भी भर जाये, कोई जब सुन ना पाये तो...
    कभी सब दोस्त साथी भी जो तुम से रूठ जायें तो...

    कभी जब खुद से लड़ कर थकान से चूर हो जाओ तो...
    कभी चाहते हुऐ भी खुद अकेले रो ना पाओ तो...
    अपनी आंखों को बन्द करना और मुझे आवाज़ दे देना...
    फिर मेरे तसवुर से जो चाहे बाते कह देना...
    मेरे चरणों में बैठकर जितना चाहे रो लेना...

    अन्त में बस यही कहना है कि जब भी दुख याँ खुशियों में...
    हमे दिल से पुकारोगे तो मुझे हमेशा अपने संग ही पाओगे
    क्योंकि मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ एक अहसास की तरह....

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline tana

    • Member
    • Posts: 7074
    • Blessings 139
    • ~सांई~~ੴ~~सांई~
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #64 on: October 31, 2008, 04:37:57 AM »
  • Publish
  • ॐ सांई राम~~~

    बाबा~~~मेरे दिल के सांई~~~मेरे बाबा~~~

    बस,यही चाहूं गी कि कभी गल्ती से भी किसी के दिल को दुःख न पहुचाऊं।बाबा इतनी समझ देना।

    मेरे मन दिल न किसी का दुखा
    भले ही तूं ऱब को न मना,
    न मंदिर जा,न दीपक जला
    पर किसी को यूं ही न सता,
    आंसू कही जो तेरे कारण बहे
    न सोच कि तूं बच जाए गा,
    ये आंसू नहीं दरिया है पाप का
    जिसमें तूं गोते खाएगा,
    छटपटाए गा,चिल्लाएगा
    पर कोई न बचाएगा,
    तेरी करनी क्या रंग लाए,
    ये तो ऱब ही तुझे बताएगा~~~~

    बस ,मेरे मन का सांई तो यही बोलता है कि कभी भी किसी इंसान का दिल ना दुखाऊं, ये गलती कभी ना हो मुझसे।चाहे कुछ और करूं ना करूं पर ये पाप ना हो मुझसे।

    जय सांई राम~~~

    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #65 on: November 14, 2008, 08:03:08 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    मैंने कहा -
    बाबा क्या मेरे दुःख का अंत है?
    उन्होने पूछा -
    क्या सुख का अंत चाहते हो?
    मैंने कहा -
    नही
    सुख पाना चाहता हूँ
    उन्होने कहा -
    तो दुःख के लिए तैयार रहो
    तुम्हारा चाहना ही दुःख है
    बाकी हर क्षण सुख है।

    वैसे यह तो बात के लिये बात की है मैने। सच कहूँ तो जब से बाबा का सानिध्य मिला तब से दुख कँहा काफूर हुआ नही जानता।  बाबा सुख के सागर जो है।
    .
    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Dipika

    • Member
    • Posts: 13574
    • Blessings 9
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #66 on: November 14, 2008, 07:58:35 PM »
  • Publish
  • OMSAIRAM!Sai baba said...Shraddha Saburi...

    ALLAH MALIK!


    Sai baba let your holy lotus feet be our sole refuge.OMSAIRAM
    साईं बाबा अपने पवित्र चरणकमल ही हमारी एकमात्र शरण रहने दो.ॐ साईं राम


    Dipika Duggal

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #67 on: November 21, 2008, 07:29:40 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    Today My BABA SAI said through my Inner Voice (अपने मन का साई)

    Whenever you feel alone, know you are not.

    Whenever you need a shoulder to cry on, you can use MINE.
     
    Whenever you need someone just to listen, you can have MY Eear.

    Whenever you lose your way, you can have MY Eyes to guide you.

    Whenever you don't know the words to say, you can have MY Lips to speak them.

    Whenever you are afraid, I will be brave for you.

    Whenever you fall, I will catch you.

    Whenever you are sad, I will do anything to make you glad.

    I may not always know what to do or say, but I will help you anyway.

    Whenever you have a question or favor to ask, know that the answer will always be YES.

    Whatever you do, wherever you go, I will always be here for you.

    If you ever thought I was mad or upset with you, that is not true.

    I will not and could not, ever be mad at you.

    If you were ever mad or upset with ME, even for that I will be truly sorry.


    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #68 on: December 05, 2008, 12:39:49 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    When you've lost your way down the road of life
    and the shadows seem to loom...
    When you see no hope as a new day dawns
    and the emptiness seems to consume...
    When you shed each tear and you feel inside
    there could be no greater pain...
    When you look outside to see the sun
    yet all you can see is the rain...
    When you drift in thought, feeling so alone
    and you wonder just how you'll get by...
    When you try to think of a positive thought
    yet all you can do is sigh...
    When you've reached the end
    and with one last hope, you wish to find some cheer...
    When you look in your heart
    and with arms open wide,
    You will see
    I'll be standing here...


    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline nimmi_sai

    • Member
    • Posts: 2178
    • Blessings 11
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #69 on: December 05, 2008, 01:38:08 AM »
  • Publish
  • Indeed an inspirational post ramesh ji . Thanks for sharing.
    regards
    Nimmi
    Surrender your problem entirely to God.
    Be humble.
     Forgive all your enemies.
    Have faith. Do not doubt.
    Thank God in advance and praise Him.
    Pray from the heart.
    om sai shri sai jai jai sai
    Nimmi

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #70 on: January 04, 2009, 12:42:46 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    2009 में एक समृद्ध जीवन जीने के लिये 7 आसान सूत्र

    समय समय पर इस विशाल ब्रह्मांड के सापेक्ष में अपने जीवन को देखो। यह समुद्र में एक बूंद जितना भी नहीं है। बस इतनी सी जागरूकता तुम्हें अपने छोटेपन से निकाल देगी और तुम अपने  जीवन के हर पल को जीने के लिए सक्षम हो जाओगे।

    अपने आप को जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य की याद दिलाओ। तुम यहाँ शिकायत करने और भुनभुनाने के लिए नहीं आये हो। तुम यहाँ पर कुछ अधिक बड़ा करने के लिए आये हो।

    सेवा करो! अधिक से अधिक सम्भव सामुदायिक सेवा में शामिल हो जाओ।   

    विश्वास रखो कि दिव्य शक्ति तुमसे अत्यधिक प्यार करती है और तुम्हारा ख्याल रख रही है। यह आस्था और विश्वास रखो कि तुम्हारे जीवन के लिये जो कुछ भी आवश्यक है वह तुम्हें ज़रूर मिलेगा।

    जैसे हम कैलेंडर के पन्नों को पलट देते हैं, उसी प्रकार से हमें अपने मन को भी पलटते रहने की जरूरत है। अक्सर हमारी डायरी यादों से भरी हुई रहती है। ध्यान रखो कि तुम अपने भविष्य की तिथियों को अतीत की घटनाओं के साथ न भर दो।  अपने अतीत से कुछ सीखो और कुछ  छोड़ो और आगे बढ़ो।

    और अधिक मुस्कुराओ! तुम्हारे चेहरे पर एक अमिट शर्तरहित मुस्कान सच्ची समृद्धि की निशानी है।

    अपने साथ सैर के लिए कुछ समय निकालो। संगीत, प्रार्थना और मौन से अपने आप का पोषण करो। कुछ मिनट ध्यान, प्राणायाम और योग करो। यह तुम्हें रोगमुक्त करता है और तरोताज़ा करता है, और तुम में गहनता और स्थिरता लाता है।

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।

    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline my_sai

    • Member
    • Posts: 1899
    • Blessings 9
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #71 on: January 05, 2009, 10:21:31 PM »
  • Publish
  • MEREY MAN KE MANDIR MAIN SAI MA AAP HAMESHA REHNA,
    OM SAI MA
    OM SAI MA
    OM SAI MA
    श्री सद्रगुरु साईनाथ.
    मेरा मन-मधुप आपके चरण कमल और भजनों में ही लगा रहे । आपके अतिरिक्त भी अन्य कोई ईश्वर है, इसका मुझे ज्ञान नहीं । मुझ पर आप सदा दया और स्नेह करें और अपने चरणों के दीन दास की रक्षा कर उसका कल्याण करें । आपके भवभयनाशक चरणों का स्मरण करते हुये मेरा जीवन आनन्द से व्यतीत हो जाये, ऐसी मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है ।
     श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु

    Offline my_sai

    • Member
    • Posts: 1899
    • Blessings 9
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #72 on: January 07, 2009, 03:30:43 AM »
  • Publish
  • merey man ko shant ker do saima .
    jai sai ram
    jai sai ram,
    श्री सद्रगुरु साईनाथ.
    मेरा मन-मधुप आपके चरण कमल और भजनों में ही लगा रहे । आपके अतिरिक्त भी अन्य कोई ईश्वर है, इसका मुझे ज्ञान नहीं । मुझ पर आप सदा दया और स्नेह करें और अपने चरणों के दीन दास की रक्षा कर उसका कल्याण करें । आपके भवभयनाशक चरणों का स्मरण करते हुये मेरा जीवन आनन्द से व्यतीत हो जाये, ऐसी मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है ।
     श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु

    Offline Ramesh Ramnani

    • Member
    • Posts: 5501
    • Blessings 60
      • Sai Baba
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #73 on: January 16, 2009, 08:32:37 AM »
  • Publish
  • जय सांई राम।।।

    बहुत गई थोड़ी रही, व्याकुल मन मत हो।
    धीरज सबका मित्र है, करी कमाई मत खो॥

    अर्थात- धैर्य मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र है, जिसने इससे दोस्ती की, उसे जीवन की सारी खुशियाँ हासिल हो सकती हैं। मनुष्य का जो पहला धर्म है, वह अपने धैर्य को कायम रखना। किसी भी परिस्थिति में अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। जीवन में रात आती है, दिन आता है, रोग आता है, आरोग्य आता है, सुख आता है, दुःख आता है, परंतु किसी भी स्थिति में हमें विचलित नहीं होना चाहिए। जिसके पास धैर्य रूपी पारसमणि है, वही व्यक्ति अपने जीवन में सफल होता है। इसीलिए कहा भी जाता है-

    धैर्य धरो आगे बढ़ो, पूरन हो सब काम।
    उसी दिन ही फलते नहीं, जिस दिन बोते आम।

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।

    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline bharatsoni

    • Member
    • Posts: 4
    • Blessings 0
    Re: अपने मन का साई
    « Reply #74 on: April 28, 2009, 01:03:48 AM »
  • Publish
  • thanks for this post rani ji,baba ko pasand hain vo bhakt jo unke bataye hue raste par chale,parantu agyan vash manav apne man ke anusar bhakti karta hai na ki baba ke kathan anusaar. isi karan manav antramukhi na hokar sansarik karmo mein apna jeevan vayteet kar deta hai,ant main khali haath reh jata hai, tabhi hamare baba kahte hai ki jo bhakt mujhse brahmgyan mangne aate hai mein unki jaldi sunta hu.so, hum bhagyashali hai ki baba sadev hamare marg darshk bankar hame jeewan ko jeene ki kala seekhte hai. jai sai ram
    bharat soni

     


    Facebook Comments