साईं राम
रविजी नमस्कार ,
बाबा की अनुकम्पा से आपने और संस्थान ने मुझे अन्य सदश्सो से परिचय करवाया इसके लिए तहे दिल से सबको
धन्यबाद देता हु , आज बाबा के चरणों में प्रणाम करते हुए और उनसे आज्ञा एवम आशीर्वाद लेते हुए कुछ सच प्रगट करना
चाहता हु .
मै काफी दिनों से कोई न कोई मेल या परचा बाबा के नाम का पा रहा हु जिसमे बाबा की फोटो और कुछ चमत्कारिक
घटनाओ का उन्लेख किया होता है .फिर उसमे ये लिखा होता है कि इसको आप आगे 20-30 या और अधिक लोगो तक फेलाए .
मुझे बहुत ही प्रसंता होती है कि बाबा के विचारो को लोग फेलाने का प्रयास कर रहे है . पर ये खुसी तभी ही समाप्त हो जाती
है जब ये पढता हु कि अगर ये मेल या परचा नहीं आगे फेलाया तो धन सम्पति ,कारोबार, मान मर्यादा ,परिवार के प्रिय सदस्य से हाथ धोना पड़ेगा .
बाबा तो सभी के लिए चिन्ता करते थे और करते है वो चाहे उनका उपासक हो या न हो . उन्होंने अपने जीवनकाल में लोगो के दुखों को अपनाया था . किसी पर भी आई विपदा को वो खुद पर ले लेते थे . साईं सत्चरित के अनुसार उन्होंने तत्याजी की म्रत्यु को भी अपने उपर ले लिया था ,जो सबके दुखों को हरते है वो अपने बच्चो को कैसे दुःख दे सकते है . क्या कोई पिता अपने बच्चो का अहित कर सकता है . बाबा तो दुखहर्ता है ..
बाबा ने सदा ही अन्धविस्वासो से दूर रहने की सलाह दी है और वो खुद भी समय -समय पर किसी भी अंधविश्वास को अपने
अभूतपूर्व कर्यो द्वारा खंडन किया करते थे .
मै ऐसे मेल या पर्चो को यही कह कर आगे फेलता हु की बाबा के विचारो और उनको वचनों को फेलाने कि कोशिस करिये नाकि दुष्प्रचार करके सचाई को छुपाने की.
क्या मेरे द्वारा किया हुआ कार्य उचित है या अनुचित ? आपके विचारो द्वारा ही मुझे ज्ञात होगा की मै इस मुहीम को आगे ले जाऊ या नहीं और इस दुष्प्रचार को समाप्त करने की कोशिस करू या नहीं.
मेरे विचार से बाबा के वचनों और उनके विचारो को फेलाने से मानव जाती का कल्याण ही होगा , बाबा ने सदा इंसानियत का ही तो पाठ पडाया है . उनके हर वचनों में कोई न कोई गूढ़ बाते छिपी होती है उन्ही को समाज में फेलाने से सारा समाज ही साईं -साईं हो सकता है . बाबा के विचारो से ही इंसानियत जो प्रय समाप्त होती हुई दिखती है फिर से लोगो में जागृत हो जाएगी .
मै कोई लेखक या वक्ता नहीं हु. मुझे भाषा का कोई ज्ञान नहीं है . मै तो एक बाबा का सेवक हु .मेरे मन में जो आता गया मैंने आपके सम्मुख रखने का प्रयास किया है . मुझसे कही कोई गलती हुई हो और जिसकी वजह से किसी भी को कोई दुःख पंहुचा हो तो मै छमापार्थी हु .
आपके विचारो से अवगत करने का कष्ट करे .
साईं राम