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Sai Literature => सांई बाबा के हिन्दी मै लेख => Topic started by: sai ji ka narad muni on April 02, 2016, 04:28:35 AM
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श्री साईं
गुकारश्च गुणातीतो रूपातीतो रुकारकः |
गुणरूपविहीनत्वात् गुरुरित्यभिधीयते ||
‘गु’ कार से गुणातीत कहा जता है, ‘रु’ कार से रूपातीत कहा जता है | गुण और रूप से पर होने के कारण ही गुरु कहलाते हैं |