यह भजन तो नहीं है, पर हिम्मत देने वाला एक अति सुन्दर गीत:
जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबहो शाम
जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबहो शाम
के रस्ता कट जाएगा मितरा
के बादल छट जाएगा मितरा
के दुख से झुकना ना मितरा
के इक पल रुकना ना मितरा
होए! जीवन चलने का नाम
जो जीवन से हार मानता
उसकी हो गई छुट्टी
नाक चढ़ा कर कहे ज़िन्दगी
तेरी मेरी हो गए कुट्टी
के रूठा यार मना मितरा
के यार को यार बना मितरा
न खुद से रहो खफा मितरा
खुदी से बने खुदा मितरा
ओSSS उजली उजली भोर सुनाती
तुतले तुतले बोल
उजली उजली भोर सुनाती
तुतले तुतले बोल
अन्धकार मे सूरज बैठा
अपनी गठड़ी खोल
के उससे आँख लड़ा मितरा
समय से आस मिला मितरा
के होजा किरन किरन मितरा
के चलता रहे चरन मितरा
के चली शाम के रंग महल में
तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से साँझ की लाली
मिली गगन से साँझ की लाली
लेकर रूप सुनहरी
के रात बिखर जाएगी मितरा
के बात निखर जाएगी मितरा
के सूरज चढ़ जाएगा मितरा
काफिला बढ़ जाएगा मितरा
हिम्मत अपना दीन धरम है
हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह हिम्मत वाहेगुरु
हिम्मत है भगवान
के इसपे मरता जा मितरा
के सजदा करता जा मितरा
के सीस झुकाता जा मितरा
के जग पर छाता जा मितरा