सांई के गुण गा रे मनवा – 6
सत्य दिल से उसके चरण पर – 2
अपना शीश नवा रे मनवा
सांई के गुण गा रे मनवा – 3
जिसकी आज्ञा पालन करते सूरज चाँद सितारे – 2
तीन लोक में युग युग जिसकी – 2
आरती करते सारे ओओओओओओओओओओ
तज अभिमान निकट चरणों से
अपनी बात मना रे मनवा
सांई के गुण गा रे मनवा
अपने सांई के लाखों चाप पूजा करें दिन रात – 2
सब की आशा पूरी करता सबकी आशा पूरी करता
ये उसकी तरह माफ
माँगना है ओओओओओओओ
माँगना है जो माँगले प्राणी – 2
सांई से कैसा परदा रे मनवा
सांई के गुण गा रे मनवा
मोहन की अब बात है जाकी पूरी करो अरदास – 2
पितृ करो इतना के कोई रह ना जाये प्यास
हम भक्तों को ओओओओओओ़
हम भक्तो को इक दिन सांई – 2
अपने गले लगा रे मनवा
सांई के गुण गा रे मनवा.................