साई तेरे चरणों मे...
अपने होंठो पर सजाना चाहता हु,
आ साई तुजे मे गुन-गुनना चाहता हु,
कोई आंसू तेरे दामन पर गिराकर,
बूंद को मोती बनाना चाहता हु,
थक गया मे करते करते याद तुजको(साई),
अब तुजे मे याद आना चाहता हु,
छा रहा है सारी बस्ती मे अँधेरा,
रोशनी को घर जलना चाहता हु,
आखरी हिचकी तेरे जानों(शिरडी) पे आए,
मौत भी मे शायराना चाहता हु...
ॐ साईराम. ॐ साईराम. ॐ साईराम.