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Indian Spirituality => Bhajan Lyrics Collection => Topic started by: JR on September 20, 2007, 01:11:02 AM

Title: जलती रहे शेरों वाली ज्योति जलती रहे ।
Post by: JR on September 20, 2007, 01:11:02 AM
जलती रहे शेरों वाली ज्योति जलती रहे ।

किसने मइया तेरा भवन बनाये, किसने ढुलायो ।
ज्योति तेरी.................।।

भक्तों ने मैया तेरा भवन बनायो, सेवक चमर ढुलायो ।
ज्योति तेरी....................।।

सुआ-2 चोला मइया ध्वजा नारियल, तेरी ही भोग चढ़ायो ।
ज्योति तेरी.................।।

धूप दीप फल ध्वजा नारियल, तेरी भेंट चढ़ायो ।
ज्योति तेरी.................।।

छप्पन भोग चौरासी व्यंजन, तेरा ही भोग लगाओ ।
ज्योति तेरी....................।।

नंगे -2 पैरों मैया अकबर आयो, सोने का छत्तर चढ़यो ।
ज्योति तेरी....................।।

दूर - 2 से यात्री आवें, आकर शीश नवायो ।
ज्योति तेरी.....................।।

ब्रहृ वेद पढ़े तेरे द्वार शंकर ध्यान लगायो ।
ज्योति तेरी.....................।।

ऊँचे पहाड़ों मइया वास तुम्हारा, नीचे शहर बसायो ।
ज्योति तेरी......................।।

आये हुये का मइया संकट काटो खुशी मनाता जाय ।
ज्योति तेरी.......................।।