मेरे राम तुम, मेरे श्याम तुम, साई राम तुम साई श्याम तुम.
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम.
क्षण और प्रतीक्षण मैं तुम्ही, तृण और कण -कण मॆं तुम्ही,
तुम सृष्टि के हर सृजन मैं, हर सृजन के परिणाम तुम.
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम...
तुम नाथ मैं अनुचर प्रभु, मैं प्रश्न तुम उत्तर प्रभु,
जीवन सतत है एक पथ, मैं हूँ पथिक विश्राम तुम.
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम...
हो छाव तुम, हो धुप तुम, मैं हूँ मनुज प्रभु रूप तुम,
मिथ्या जगत के व्योम मॆं , एक साई सांचा नाम तुम.
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम,
साई राम तुम साई श्याम तुम.
मेरे राम तुम मेरे श्याम तुम.