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Indian Spirituality => Bhajan Lyrics Collection => Topic started by: JR on October 18, 2007, 10:33:19 AM

Title: बसे रहो सांई नाथ हृदय में गंगा जैसे गंगाजल में
Post by: JR on October 18, 2007, 10:33:19 AM
बसे रहो सांई नाथ हृदय में गंगा जैसे गंगाजल में 
बनी रहे भक्ति मेरे मन में चन्दा जैसे रहे गगन में ।

हे सांई नाथ – 2 तुम्हारो अंग
कैसो रुप रचो पत्थर में – 2
जाको जैसो मन को भाव है – 2
वैसो रुप रचो भक्तन ने 
सांई भक्तन की भक्ति
एकहि सांई रुप हजारो
कहीं पै शिवजी कहीं गणपति
सांई भक्तन की भक्ति – 2

कोई लम्बी नाक बनाये कोई बड़े बड़े कान लगाये -2
जाको जैसो मन को भाव है -2
वैसी बनावै मूरति
सांई भक्तन की भक्ति -4

शिरडी की रत जो भी आवै मन वांछित वो फल पावै 2
जाको जैसो मन को भाव है – 2
वैसी उतारे आरती
सांई भक्तन की भक्ति – 4

हे सांई नाथ – 2 तुम्हारो अंग
कैसो रुप रचो पत्थर में – 2
जाको जैसो मन को भाव है – 2
वैसो रुप रचो भक्तन ने 
एकहि सांई रुप हजारो
कहीं पै शिवजी कहीं गणपति
सांई भक्तन की भक्ति – 2