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Indian Spirituality => Bhajan Lyrics Collection => Topic started by: JR on November 01, 2007, 11:40:11 PM

Title: तुम करूणा के सागर हो प्रभु,
Post by: JR on November 01, 2007, 11:40:11 PM
तुम करूणा के सागर हो प्रभु,
मेरी गागर भर दो |

थके पांव है दूर गावं है ,
अब तो कृपा कर दो |

क्लेश-द्वेष से भरा ये मन है ,
मैला मेरा तन है |

तुम कृपाला दीनदयाला,
तुमसे ही जीवन है |

इस तन -मन को उपवन करने ,
का वरदान अमर दो |

याचक बनकर खड़ा हूँ द्वारे ,
दोनों हाथ मैं जोड़े |

परमपिता तुमको मैं जानू ,
पिता न बालक छोडे!

‘दास नारायण ‘ करे अर्चना ,
मेरी पीड़ा हर लो ||