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Indian Spirituality => Bhajan Lyrics Collection => Topic started by: JR on November 01, 2007, 11:40:49 PM

Title: जीवन की प्रभु सांझ भई है
Post by: JR on November 01, 2007, 11:40:49 PM
जीवन की प्रभु सांझ भई है
अब तो शरण में ले लो !

जगत के स्वामी  मेरे प्रभुवर
अपने चरन में ले लो!!

इस देही के मालिक तुम हो,
तुमको सदा भुलाया !

भरी जवानी मोल न जाना ,
सदा तुम्हे बिसराया !!

तेरे चरन ही मान सरोवार
अपने तरन में में ले लो !!१!!

छोड़ के कंचन पाकर पीतल
अंग ही उसे लगाया !!

मृगतृष्णा की पयास में भटका ,
मन मेरा भरमाया !!

‘दास नारायण’ भिक्षा मांगे
अपनी धरण में ले लो !!२!!