साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
दासगणु ने साई के असीम कृपा पा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
गणु के किस्मत की लकीरों को सजाया साई ने
गणु के किस्मत की लकीरों को सजाया साई ने
एक नाचीज़ को कीर्तिमान बनाया साई ने
गणु ने हर बोल साई का दूनियाँ में फहला रक्खा है
दासगणु ने साई के असीम कृपा पा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
साईने हूनर की छवि गणु को दिखाई बरसों
साईने हूनर की छवि गणु को दिखाई बरसों
दुर रहकर उस पर कृपा बरसाई बरसों
इसलिए गणु दूनिया को साई स्तवण मंजरी दे सखा है
दासगणु ने साई के असीम कृपा पा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
प्रसीद गरूवोंं का जीवनी और उनके उपदेशों का त्रिवेणी है
प्रसीद गरूवोंं का जीवनी और उनके उपदेशों का त्रिवेणी है
दास गणु के भक्तिसारा, भक्तलीला एवं संतकतांमृत सून्दर ग्रंथें है
जिसमें उनके प्रिय गूरू साई का साथ अध्याय गून गान है
दासगणु ने साई के असीम कृपा पा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
साई कीर्ति कि कहानी हर कीर्तन में है गाया गणु ने
सदगुरू कि दिव्य ज्ञान ज्योति जलाया लोगों के दिल में
बन्दगीमें गुरूदक्षिणा गणु साई चरणों में लाखों भक्त अर्पित किया है
दासगणु ने साई के असीम कृपा पा रक्खा है
साई छवि को सीने से लगा रक्खा है
हरि भक्त चरणो को नमन । श्री दासगणु गूरू चरणों को नमन।
श्री सद्गुरु साई चरणों को नमन।
************************