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Indian Spirituality => Bhajan Lyrics Collection => Topic started by: tana on April 13, 2007, 06:58:24 AM

Title: अच्युतम केशवम्~~~with meaning~~~
Post by: tana on April 13, 2007, 06:58:24 AM
ॐ सांई राम !~!


अच्युतम केशवम् राम नारायणम्
कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम भजे~~~
श्रीधरम् माधवम् गोपिका वल्लभम्
जानकी नायकम रामचन्द्रम भजे~~~

श्री सांई , जो अच्युत , केशव ,राम , नारायण ,कृष्णा ,दामोदर , वासुदेव , हरि , श्रीधर, माधव ,
गोपिकावल्लभ ,जानकीनायक रामचन्द्र हैं ,उनको मैं भजता हूँ।



हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे~~~
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे~~~


निर्गुण ब्रम्ह ही राम है , निर्गुण ब्रम्ह ही राम है , राम ही निर्गुण ब्रम्ह है ।
निर्गुण ब्रम्ह ही कृष्णा  है , निर्गुण ब्रम्ह ही कृष्णा है ,कृष्णा ही निर्गुण ब्रम्ह है ।


~~~सांई राम  सांई राम  सांई राम  सांई राम  सांई राम ~~~


जय सांई राम !~!
Title: Re: अच्युतम केशवम्~~~with meaning~~~
Post by: tana on September 15, 2007, 03:17:18 AM
ॐ सांई राम !~!


अच्युतम केशवम् राम नारायणम्
कृष्ण दामोदरम् वासुदेवम भजे~~~
श्रीधरम् माधवम् गोपिका वल्लभम्
जानकी नायकम रामचन्द्रम भजे~~~

श्री सांई , जो अच्युत , केशव ,राम , नारायण ,कृष्णा ,दामोदर , वासुदेव , हरि , श्रीधर, माधव ,
गोपिकावल्लभ ,जानकीनायक रामचन्द्र हैं ,उनको मैं भजता हूँ।


हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे~~~
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे~~~


निर्गुण ब्रम्ह ही राम है , निर्गुण ब्रम्ह ही राम है , राम ही निर्गुण ब्रम्ह है ।
निर्गुण ब्रम्ह ही कृष्णा  है , निर्गुण ब्रम्ह ही कृष्णा है ,कृष्णा ही निर्गुण ब्रम्ह है ।




जय सांई राम !~!
Title: Re: अच्युतम केशवम्~~~with meaning~~~
Post by: sai ji ka narad muni on September 19, 2016, 07:30:18 AM
Jai sai ram
I bumped into this post and thought of posting its meaning since 'achyut' is one of my favorite hari names because of its meaning...

अच्युतं
Jiska कल्पांत में भी कभी पतन (च्युत) नही होता और जिसके आश्रितों का भी पतन नही होता

केशवं
केशी दानव का उद्धार करने वाले
घुंघराले केशों वाले

राम
शांत और सौम्य स्वभाव वाले रघुनन्दन राम


नारायणं
प्रलयकालीन जल में शयन करने वाले हरी

कृष्ण
भक्तों के मन को अपनी और सदा आकर्षित करने वाले

दामोदरं
उदर पर दाम अथवा रस्सी के चिह्न हैं जिनके

 वासुदेवं
वसुदेव पुत्र

हरिम्
माया के क्लेश हरने वाले

श्रीधरं माधवं
श्री लक्ष्मी को अपने वक्ष: स्थल में धारण करने वाले


गोपिकावल्लभं
गोपियों के प्राणप्यारे

जानकीनायकं रामचंद्रं
जानकी जी के स्वामी श्री राम चन्द्र भगवान

 भज
े ॥