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Author Topic: हमारी श्रद्धा और विश्वास पर आघात | मर्यादा का उलंघन |  (Read 14839 times)

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Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
ॐ साईं नाथाय नमः

आज मै एक अध्यात्मिक वेब साईट का निरिक्षण कर रहा था तो देखा की उस साईट में हमारे पिता श्री साईंनाथ के सन्दर्भ में एवं श्री साईं सत्चरित के बारे में नाना प्रकार के अनुचित और अपशब्द कहे गए हैं | हमारी श्रद्धा और विश्वास का अपमान करते हुए हर मर्यादा का उलंघन किया गया है | मै बहुत मर्माहत हुआ और मैंने अपने कड़े विचारों से उनको अवगत करा दिया है |

मेरा सभी साईं प्रेमियों से अनुरोध है की आपलोग भी इस मर्यादा उलंघन का कड़े से कड़ा प्रतिवाद करें | अगर आज हमसभी ने प्रतिवाद नहीं किया तो ये आगे और न जाने क्या-क्या भ्रांतियां समाज में फैलायेंगे | मै इस फोरम के संस्थापक एवंग संचालन समिति से अनुरोध करता हूँ की वो भी फोरम की ओर से कड़ा प्रतिवाद करें |  मै साईट का विवरण नीचे दे रहा हूँ |

हमारे सम्मिलित प्रतिवाद का स्वर इतना उच्च होना चाहिए जिससे भविष्य में पुनः ऐसी दुष्टता करने का साहस भी ना कर सकें |

vaidikdharma.wordpress.com

ॐ साईं राम

« Last Edit: March 17, 2013, 11:04:08 AM by Pratap Nr.Mishra »

Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू


Om Sai Nathay Namaha

Can anyone please translate this hindi post in proper english language ? Please do it immediately.

Thanks

Om Sai Ram

Offline Anupam

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ॐ साईं नाथाय नमः

आज मै एक अध्यात्मिक वेब साईट का निरिक्षण कर रहा था तो देखा की उस साईट में हमारे पिता श्री साईंनाथ के सन्दर्भ में एवं श्री साईं सत्चरित के बारे में नाना प्रकार के अनुचित और अपशब्द कहे गए हैं | हमारी श्रद्धा और विश्वास का अपमान करते हुए हर मर्यादा का उलंघन किया गया है | मै बहुत मर्माहत हुआ और मैंने अपने कड़े विचारों से उनको अवगत करा दिया है |

मेरा सभी साईं प्रेमियों से अनुरोध है की आपलोग भी इस मर्यादा उलंघन का कड़े से कड़ा प्रतिवाद करें | अगर आज हमसभी ने प्रतिवाद नहीं किया तो ये आगे और न जाने क्या-क्या भ्रांतियां समाज में फैलायेंगे | मै इस फोरम के संस्थापक एवंग संचालन समिति से अनुरोध करता हूँ की वो भी फोरम की ओर से कड़ा प्रतिवाद करें |  मै साईट का विवरण नीचे दे रहा हूँ |

हमारे सम्मिलित प्रतिवाद का स्वर इतना उच्च होना चाहिए जिससे भविष्य में पुनः ऐसी दुष्टता करने का साहस भी ना कर सकें |

vaidikdharma.wordpress.com

ॐ साईं राम



OM SHREE SAINATHAYA NAMAHA

Today I was browsing through the following spiritual website

vaidikdharma.wordpress.com

 
This site has used very objectionable words for our Param Pita SAI and SSC. I request all the SAI Bhakts and the Site Working Committee to register their strong protest on the site so that nobody dares to de-seminate misinformation and hurt our feelings like this


Offline ashokjain

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Should you look at one of such a blog or Sai popularity all over the world....there is no reason for anyone to feel offended by such attempts...please do not fall into the trap of such a blog by giving it more publicity than it deserves...just ignore such blogs/sites....there would always be difference of opinions and difference in the way we look at things, if we do not like something, let us move on and that is the right way....By posting the link of the blog, you have already given it enough publicity....

Please visit the link below:

http://sathyasaibaba.spiritualindia.org/

Offline saib

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प्रताप जी,

आपका व्यथित होना उचित है , परन्तु यह लोग नया कुछ नहीं कर रहे , इस संसार मे ऊँचा उठने के दो मार्ग होते है , प्रथम अपने गुणों को विकसित करना और दूसरा मार्ग है अपने को ऊँचा सिद्ध करने के लिए अन्य धर्म के अनुयायिओं को नीचा सिद्ध करना . यह मात्र बाबा साईं के विरुद्ध ही नहीं बोलते, बल्कि जो भी धर्म या महापुरुष प्रसिद्धी के शिखर पर हो, वही इनकी आलोचना का शिकार बनता है, जिस संगठन की स्थापना ही नकारात्मक विचारधारा के साथ हुई हो , उनके लिए तो यह साधारण बातें है ...... उचित यही है, उनको उनके हाल पर छोड़ दो, समय अपने आप उनको सत्य से अवगत कराएगा !


ॐ श्री साईं राम !
« Last Edit: March 17, 2013, 11:19:19 PM by saib »
om sai ram!
Anant Koti Brahmand Nayak Raja Dhi Raj Yogi Raj, Para Brahma Shri Sachidanand Satguru Sri Sai Nath Maharaj !
Budhihin Tanu Janike, Sumiro Pavan Kumar, Bal Budhi Vidhya Dehu Mohe, Harahu Kalesa Vikar !
........................  बाकी सब तो सपने है, बस साईं ही तेरे अपने है, साईं ही तेरे अपने है, साईं ही तेरे अपने है !!

Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू


ॐ साईं राम

आपलोगों की बातें सम्पूर्णरूप से उचित है और जो कह रहे है वो ज्ञानस्वरूप और   आध्यात्मिक विकास के लिए अति  आवश्यक है |

पर शायद मेरी अज्ञानता ही है जो मै  इस घृणित कार्य को देखकर मौन नहीं रह सका | ऐसे आध्यात्मिक विकास का भी  क्या करूँगा मै जहाँ पिता के वचनों और विचारों को जो हमारे जीवन की उन्नति के मूल कारण है, देखकर भी मै मान नहीं रख सकूँ या उसकी सत्यता को स्थापित करने का प्रयत्न ही नहीं करूँ | मिथक भ्रांतियों को देखते हुए भी ना बोलके उसकी मिथाकता को फैलाने में परोक्ष रूप से सहायता करूँ | भ्रांतियों को फैलने देने पे मै कही न कही अपने विश्वास ओर श्रद्धा के साथ धोका ही करता दिखूंगा |जिस श्री साईं सत्चरित अमृततुल्य बोल परोक्ष रूप से स्वयं बाबा ने ही कहे हैं और हमारी प्रेरणास्रोत हैं ,कोई अधर्मी उसको ही मिथक कहने/फैलाने में लगा हुआ है तो क्या कही भी हमारा कर्तव्य नहीं बनता की उस मिथाकता को मिटाने का प्रयास करें या मौन बनके अपने अमृत को विष बनते देखते रहें |


क्षमा करियेग श्रीमान अशोकजी मेरा वेब साईट का नाम देना उसके प्रचार या प्रसार के लिए कदाचित नहीं था | रही बात विचारों की भिन्न्यता तो वो स्वाभिक ही है पर जब बात जब अस्वाभिक हो तो स्वाभिक के लिए प्रयास करना उचित ही होता है | बात जब आपके स्वयं की ना होकर परिवार की मर्यादा की हो तो देखकर नजरंदाज करना शायद मेरे अनुसार स्वाभिक नहीं होता | श्रीमान अशोकजी मेरा उदेश्य स्वयं एवंग सम्मिलित रूप से इस मिथक प्रचार का प्रतिवाद करना था  नाकि वेब साईट का प्रचार-प्रसार करना | जो कुछ मुझे कहना था वो मैंने तत्क्षण ही इस साईट में जाके कह दिया और आगे भी प्रयास करता रहूँगा इसको रोकने का |

अशोकजी अगर ईसी तरह की कोई  मिथक भ्रान्ति आपके परिवार के संस्कारों एवंग विचारों (मूल कारण )को लेकर उठती तो क्या आप तबभी आप उसको नजरंदाज करके मौन रहते ? विचारों की भिन्न्यता का उलाहना देकर भ्रान्ति को दूर करने का प्रयास तक नहीं करते ?

क्षमा चाहूँगा पर मुझसे जो भी मेरी समर्थता के अनरूप होगा अवश्य इस भ्रान्ति को फैलने से रोकने का प्रयास अवश्य करूँगा |

साईं राम








« Last Edit: March 18, 2013, 01:02:13 AM by Pratap Nr.Mishra »

Offline saib

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प्रताप जी,

आपने कुछ भी अनुचित नहीं किया . यह इन लोगों की एक सोची समझी साजिश है , आवेश मे आकर बहुत से लोग न चाहते हुए भी इन संगठनो का प्रचार कार्य कर देते है . इन लोगों को बाबा साईं से कुछ भी मतलब नहीं है , इन लोगों के बारे मे  कुछ दिन पहले एक बड़े राजनीतिक  ने बयान दिया था तो पूरे देश मै हो हल्ला मच गया था ! इनका कार्य मात्र कुछ विशेष धर्मों के विरोध लोगों की भावनाओं को भड़काना और अपनी और आकर्षित करना है ! धर्म तो मात्र एक माध्यम है ईश्वर तक पहुँचने का, परन्तु कुछ लोगों के लिए यह एक व्यापार  है ! कोई भी धर्म बुरी नसीयत नहीं देता , परन्तु वासना और अन्य दुर्गणों के आधीन मनुष्य धर्म की विवेचना भी अपनी कुटिल बुद्धी के अनुसार ही करता है और अपने को सही सिद्ध करने के लिए औरों को छोटा सिद्ध करने मे प्रयत्नरत रहता है !

वास्तविकता तो यही है ईश्वर को उसकी अनुमति के बिना जाना नहीं जा सकता ! जब मन से समस्त संशय समाप्त हो जाते है , मात्र प्रेम में डूबी भक्ति शेष रह जाती है तो ईश्वर के साक्षात् दर्शन होते है !

बाबा साईं सबको सदबुद्धी दें ताकि वे सही और गलत का अंतर समझ सकें !


ॐ श्री साईं राम !
om sai ram!
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........................  बाकी सब तो सपने है, बस साईं ही तेरे अपने है, साईं ही तेरे अपने है, साईं ही तेरे अपने है !!

Offline Pratap Nr.Mishra

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ॐ साईं राम

धन्यवाद सैबजी

साईं राम

Offline ashokjain

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Hello Pratap ji...

At personal level you are free to respond and react to such matters in the way you deem fit.

But this forum's administration has seen plenty of such things in the past. If ten trees are cut, should i fight people who are cutting the trees or i should plant fifteen trees. Even if i am able to convince some people not to cut trees, the benefit will be nothing without planting new trees. Do you get the point? Regardless of your real intent, any act to pin point such websites is in-fact giving them undeserving publicity. You should understand this.

You can continue to fight the way you want. But this forum and its administration's focus is to do its bit which to keep focusing on Sai-Baba and his teachings. That's it.

So this forum and its members cannot be asked to support any initiative which is not the objective of this forum.

Please visit the link below:

http://sathyasaibaba.spiritualindia.org/

Offline Pratap Nr.Mishra

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ॐ साईं राम अशोकजी

आपकी तर्कसंगत बातों का मेरे पास  तर्कसंगत एवंग  युक्तियुक्त उत्तर है पर कहते हैं ना की जो आपनी सोच को पहले से ही प्रमाणिकता समझ के बैठा हो उससे कुछ कहना विवादों को जन्म देना होता है और मै  किसी भी  विवादों के घेरे में नहीं पड़ना चाहता हूँ ।

नये पेड़ों को लगाना आवश्यक होता है पर साथ साथ पुराने लगे पेड़ों की भी रक्षा करना आवश्यक  है उन्ही पेड़ों से ही नये पेड़ों का  अस्तित्व बने रहने की सम्भावना बढ़ जाती है ।

मै इस मुद्दे को यही समाप्त करता हूँ क्योकि मै इसको विवादों की सीमा तक नहीं ले जाना चाहता ।

ॐ साईं राम


Offline ashokjain

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Couple of things:

Everyone thinks that he is thinking right. Whether you are thinking right or not is up to you to decide. I have no judgment for your thinking.

As i said, your personal opinion can be anything, but you cannot use this forum to mobilize public opinion and solicit help in fighting against something which you do not like personally.

Please visit the link below:

http://sathyasaibaba.spiritualindia.org/

Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू


ॐ साईं राम अशोकजी

कुछ विशेष बातें :

१. आपने सही कहा आप मुझे कोई निर्णय (आदेश) नहीं दे सकते क्योकि आप कोई मेरे न्यायाधीश नहीं हैं और ना ही मैंने कोई अविवेकी कार्य ही किया है |

२. मुझमे वो विवेक है की मै सही है और गलत में अंतर कर सकूँ |

३. आपका यह कहना की मै इस फोरम के सदश्यों को संगठित करने का प्रयास कर रहा हूँ तो यह भी संपूर्णतः गलत है | मेरा केवल मेरे विचारों से अवगत करना था नाकि किसी को प्रेरित करने का क्योकि सभी के पास निर्णय लेने की सोच है और स्वत्रंतता भी |

४. आपका मेरी श्रद्धा और विश्वास की भावना को साधारण जनता की भावना से तुलना करना आपके ? दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है |

५. श्री साईं सत्चरित और स्वयं बाबा साईं मेरी व्यक्तिगत पसंद/प्रेम/श्रद्धा नहीं है,वो सभी के पिता हैं |

६. मुझे प्यार से या प्रेम से हर बात समझ में आती है और मै समझने का प्रयास भी अवश्य करता हूँ पर मै किसी के तानाशाही फरमान को स्वीकार करने में सदैव असमर्थ रहा हूँ और आपकी भाषा में मुझे उसकी झलक दिख रही है |

वही सैबजी की बातों में वास्तविकता और सत्यता मुझे दिखी एवंग मैंने सहर्ष ही स्वीकार करके उसपर विचार किया |

७. मै इस विषय को समाप्त करना चाहता हूँ क्या आप सहयोग देंगे ? इस विषय पर केवल और केवल आपसे ही विचारों का संघर्ष दिख रहा है और विचारों का संघर्ष शायद हमारे अहंकार को जगा रहा है | मेरा आपसे अनुरोध है की इस विषय को विराम दीजिये क्योकि ना ही आप मेरे विचारों को समझेंगे और ना मै ही | मुझे ऐसा महसूस हो रहा है की हमलोग धीरे-धीरे अहंकार की और बढ़ते जा रहे हैं  और अनर्थक परिणाम विहीन विवाद की चेष्टा में पड़ रहे है  |

८. इसके पश्चात मै इस विषय पर कोई टिपण्णी नहीं करूँगा भरसक आप अपने विचारों को रखने के लिए स्वत्रंत हैं |


क्षमा के साथ

ॐ साईं राम




Offline ashokjain

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This forum does not encourage fanaticism - religious/spiritual/political. Please meet your agenda elsewhere. This forum is for people who can live peacefully here. Sai-baba does not need anyone's help in any matter related to his fame/name/popularity. Sai-baba can handle His issues with the help of people who know how to be peaceful, restraint, calm in all situations and are wise at a different level.

Please visit the link below:

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  • साई राम اوم ساي رام ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ OM SAI RAM
    • Sai Baba
There are few things I want to mention here:

1. There are hundreds of Anti Sai Baba, websites/ blogs are avaialble on internet. Some of them are very popular while most of the blogs are unknown. Yes it hurts to see bad words for Sai Baba but the truth is that there is very little we can do about it. Because the more we talk about them at public places like our Forum, unintentionally we are giving them some publicity at our cost.

 2. Being a Sai devotee I would feel bad about such things but I have to choices, either I acknowledge them or I try to focus my energy for spreading awareness about Baba.

3. I don't think Pratap ji have some hidden agenda. Being a humble devotee, He is  genuinely worried. 

4. This Forum is for Baba and His devotee, and any genuine query/ discussion related to Baba is in inetrest of Forum and I don't think it's a personal matter to anyone.

This thread is slightly moving towards a wrong direction and I would request everyone not to get into any discussion targetting any individual.

Sai Ram

 


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