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Author Topic: Kind Attn. ADMN.  (Read 5207 times)

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Offline PiyaSoni

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  • ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ
Kind Attn. ADMN.
« on: January 21, 2012, 12:49:49 AM »
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  • OmSaiRam Admn.

    Thankyu for giving me the opportunity to be the part of Admn. team, but i am sorry to say your SaiSevak rules are not being followed ,

    Rule #1
    You will not interfere in the post/ reply of another “Sai Sevak”. Interfere means:
    1.   No Editing
    2.   No Deletion
    3.   No posting (you should not post if the post is created by another  “Sai Sevak”)

    If any Sai Sevak has locked his/her topic then its understood that he/she doesn't want that any other Sai Sevak or Mod. to unlock and post in his/her topic .

    Have seen many times that the topics which have been sticky is done unsticky without any reason, Have said you many times but nore action have been taken ...

    So Today i decided to Quit From Dwarkamai ..

    Sorry But Can't take it anymore , Dn't want to engage in any arguement so peacefully going away...

    Baba Bless!!
    SaiRam!!
    "नानक नाम चढदी कला, तेरे पहाणे सर्वद दा भला "

    Offline ShAivI

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    • बाबा मुझे अपने ह्र्दय से लगा लो, अपने पास बुला लो।
    Re: Kind Attn. ADMN.
    « Reply #1 on: January 21, 2012, 01:56:05 AM »
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  • OmSaiRam Admn.

    Thankyu for giving me the opportunity to be the part of Admn. team, but i am sorry to say your SaiSevak rules are not being followed ,

    Rule #1
    You will not interfere in the post/ reply of another “Sai Sevak”. Interfere means:
    1.   No Editing
    2.   No Deletion
    3.   No posting (you should not post if the post is created by another  “Sai Sevak”)

    If any Sai Sevak has locked his/her topic then its understood that he/she doesn't want that any other Sai Sevak or Mod. to unlock and post in his/her topic .

    Have seen many times that the topics which have been sticky is done unsticky without any reason, Have said you many times but nore action have been taken ...

    So Today i decided to Quit From Dwarkamai .. right decision piya, i m with you & we will continue our Group Parayan only, i hope you agree with me for this

    Sorry But Can't take it anymore , Dn't want to engage in any arguement so peacefully going away...

    Baba Bless!!
    SaiRam!!


    JAI SAI RAM !!!

    Offline Dipika

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    Re: Kind Attn. ADMN.
    « Reply #2 on: January 21, 2012, 02:16:48 AM »
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  • OMSAIRAM!Dear Piyagolu i know that Ravi was in Agra to meet his parents last week.He could nt even log in the forum.


    Someone else would had done it,personally none of my posts have been edited.I know Ravi since 2004 he will not edit without informing.


    Please stay in Dwarkamai as your contribution is valuable to all of us.


    BABA bless you.


    Sai baba let your holy lotus feet be our sole refuge.OMSAIRAM

    साईं बाबा अपने पवित्र चरणकमल ही हमारी एकमात्र शरण रहने दो.ॐ साईं राम


    Dipika Duggal

    Offline Pratap Nr.Mishra

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    • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू
    Re: Kind Attn. ADMN.
    « Reply #3 on: January 21, 2012, 03:32:32 AM »
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  • ॐ साईं नाथाय नमः

    शैविजी और प्रियागोलीजी जय साईं राम

    आपलोगों के फोरम को किन्ही आपतिजनक कारणों से छोड़ने के विचार को मै कदाचित उचित और सही नहीं समझता. मै जब से इस फोरम से जुड़ा हूँ आपलोगों के निसस्वार्थ और अथक प्रयास को देख रहा  हूँ.बाबा  के विचारो और वचनों को फैलना का जो आपलोगों से एक सच्चा संकल्प उठा रखा है उसको किसी अन्य के अनुचित क्रियाकलापों या व्यवहार  के कारन छोड़ना अनुचित या कह सकती है अधर्म करना ही होगा. आपलोग बाबा से इतने जुड़े होने के बाद भी इस तरह के व्यवहारों से विचलित होकर क्यों इतना महत्व देकर अपने कर्तव्यों से हट रहे हो. सही अर्थो  हम सभी केवल बाबा को ही समझते है पर सही अर्थो में बाबा की (विचारो और वचनों) को समझने की कोशिस और उसपर चलने प्रयास मात्र भी नहीं करते है. मै कोई दोषारोपण या त्रुटिया नहीं निकाल रहा हूँ जो सत्य है उसका ही वर्णन कर रहा हूँ.

    आपलोग श्री साईं सत्चरित  ग्रुप परायण एवंग जो सुंदर सुंदर बाबा के लेखो को पोस्ट करके जो कार्य कर रहे है उसको अवश्य करते रहिये. अपने कर्तव्यों को किसी के सहमति या असहमति के कारण त्यागने का विचार भी मत मन में लाइये. वैसे देखा जाये तो जो मैंने अनुभव किया है कि कई साईं प्रेमी केवल  लगातार एक ही समय कई सारी पोस्ट करते रहते है जिससे उनके भाव और उदेश्य का पता चलता है. केवल खुद के नाम को सम्पूर्ण जगह देखने की केवल इच्छा को ही दर्शाते है ,जिस वजह से कुछ अच्छे- अच्छे ज्ञानवर्धक पोस्टे भी इन अनर्थक पोस्टो की भीड़ में खो जाती है. क्यों हमलोग इस फोरम में भी खुद के "मै" को छोड़कर नहीं आ प् रहे है? क्यों केवल एक पतिस्पर्धा की भावना से हर कार्य को करना चाह रहे है ? क्यों पहले खुद को नहीं जानके अन्यो को जानने की कोशिस कर रहे है? किसी को कहते समय तो हमलोग "मै", प्रेम, दयालुता और स्नेह इत्यादि की बड़ी बड़ी बाते करते रहते है पर खुद के अंतकरण में इसका दिया भी नहीं जलाते है. जब हमलोग कुछ भी पोस्ट करते है तो उसके पीछे ये भावना का अभाव ही होता है कि जो पोस्ट किया है क्या खुद समझा है या खुद में आत्मसात किया है. केवल विचारहीन पोस्टो या वेय्वाहर से नहीं कर्तव्यों का ज्ञान हो सकता है नहीं ही प्रेम भक्ति का. 

    आज इतनी बाते कहने के पीछे केवल मेरा मकसद फोरम की उपयोगिता और इसका क्या मकसद है कहना था. हम जैसे जिज्ञासु और अज्ञानी प्रेमिओ के लिए आप जैसे सेवक की बहुत उपयोगिता है . कृपा करके इस माँ के स्थान को छोड़ने का विचार त्याग कर और भी उत्साह और निष्ठां से अपना कर्तव्य का पालन करते रहिये.


    जय साईं राम








       

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    • साई राम اوم ساي رام ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ OM SAI RAM
      • Sai Baba
    Re: Kind Attn. ADMN.
    « Reply #4 on: January 21, 2012, 07:46:35 AM »
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  • Thanks Pratap ji for your comments.

    Sai Ram Piya

    Regarding the posting issue, I have already taken the necessary steps and informed the concerned person and it should not happen anymore.

    But personally I dont think it's a good idea to Leave the DM just because this small reasons. If somone bugs you too much in a temple, would you stop going to temple? or just ignore the person?

    There is so much negativity around us and I wish if we all focus on the positive energy and leave behind the negative energies.

    Sai Bless All.

    Sai Ram


     


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