जय साईं राम,
मेरी राय मे परायण जारी रहना चाहिए ! भक्ति तो एक नदी की तरह है, जिसका जल सदा बहता रहना चाहिए ! यहाँ अनेक महान भक्त होंगे जो नित्य प्रति श्री साईं सत्चरित्र का पठन अवं अन्य प्रकार से बाबा की भक्ति करते होंगे, परन्तु ये भी सत्य है की सत्संग मे जब सम्मिलित रूप से पूजा या धार्मिक अथवा आध्यात्मिक ग्रंथो का पठन किया जाये तो ऐसे अनुष्ठानो की महिमा अनंत और अकथनीय है ! यद्पि सभी सदस्य अलग अलग स्थानों पर विभिन्न माध्यमो से श्री साईं सत्चरित्र का पठन करते हैं, परंतु मन मे विश्वास के साथ, की वे भी बाबा के अन्य भक्तों के साथ, इस प्रेम, ज्ञान और भक्ति रूपी गंगा की शीतलता का आनन्द उठा रहे हैं ! अतएव आपसे विनम्र पार्थना है, परायण जारी रखें इस विश्वास के साथ की बाबा साईं अपनी कथाओं और शिक्षाओं के रूप मे हमारे जीवन का ही एक अभिन्न भाग बनते जा रहे हैं और साथ की किसी न किसी रूप मे अपनी उपस्थिति का आभास भी कराते रहते हैं ! साथ ही कृपा कर के पंचम परायण के लिए मेरा नाम भी परायण कर्ताओं की सूची मे सदस्य के रूप मे शामिल कर लें !
चार परायणों का सफलतापूर्वक संचालन बाबा साईं की कृपा का ही प्रणाम है ! उनका आशीर्वाद आपके व अन्य संचालको के साथ सदा ही रहा है और रहेगा और आगे भी ऐसे आयोजनों के सफलतापूर्ण संचालन के लिए पर्याप्त शक्ति व ऊर्जा बाबा साईं प्रदान करते रहेंगे ! वही कारण हैं, कार्य हैं और कर्ता भी वही हैं !
ॐ श्री साईं राम !