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Main Section => Inter Faith Interactions => Kabir Vani => Topic started by: JR on March 13, 2008, 02:22:58 AM
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ऊँ सांई राम
बोले ज्ञानी शब्द बिचारी । छूटे चौरासी की धारी ।।
छूटै पांच पचीस गुण तीनों । ऐसा शब्द पुरुष में दीन्हो ।।
अर्थ - साहिब ने कहा कि मेरे पास बड़ा जबरददस्त नाम है । जिन्हें परमपुरुष का नाम (शबद् दे दूंगा, उनका तुम कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे ।) वो जीव तुम्हारे फंदे से आजाद हो जायेंगे ।
जय सांई राम