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Main Section => Inter Faith Interactions => Kabir Vani => Topic started by: JR on April 22, 2008, 01:23:18 AM

Title: ऐसी बाणी बोलिये, मन का आपा खोइ ।
Post by: JR on April 22, 2008, 01:23:18 AM
ऐसी बाणी बोलिये, मन का आपा खोइ ।
अपना तन सीतल करै, औरन को सुख होइ ॥

भावार्थ - अपना अहंकार छोड़कर ऐसी बाणी बोलनी चाहिए कि, जिससे बोलनेवाला स्वयं शीतलता और शान्ति का अनुभव करे, और सुननेवालों को भी सुख मिले ।