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Main Section => Inter Faith Interactions => Kabir Vani => Topic started by: JR on April 22, 2008, 01:24:12 AM

Title: जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होइ ।
Post by: JR on April 22, 2008, 01:24:12 AM
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होइ ।
या आपा को डारिदे, दया करै सब कोइ ॥

भावार्थ - हमारे मन में यदि शीतलता है, क्रोध नहीं है और क्षमा है, तो संसार में हमसे किसीका बैर हो नहीं सकता । अथवा अहंकार को निकाल बाहर करदें, तो हम पर सब कृपा ही करेंगे ।