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Main Section => Inter Faith Interactions => Kabir Vani => Topic started by: JR on April 22, 2008, 01:25:45 AM

Title: कोइ एक राखै सावधां, चेतनि पहरै जागि ।
Post by: JR on April 22, 2008, 01:25:45 AM
कोइ एक राखै सावधां, चेतनि पहरै जागि ।
बस्तर बासन सूं खिसै, चोर न सकई लागि

भावार्थ - पहर-पहर पर जागता हुआ जो सचेत रहता है, उसके वस्त्र और बर्तन कैसे कोई ले जा सकता है ?चोर तो दूर ही रहेंगे, उसके पीछे नहीं लगेंगे ।