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Main Section => Inter Faith Interactions => Kabir Vani => Topic started by: tana on February 08, 2008, 04:01:06 AM

Title: कबीर के पद~~~
Post by: tana on February 08, 2008, 04:01:06 AM
ॐ साईं राम~~~

कबीर के पद~~~

अरे दिल,

प्रेम नगर का अंत न पाया, ज्‍यों आया त्‍यों जावैगा।।

सुन मेरे साजन सुन मेरे मीता, या जीवन में क्‍या क्‍या बीता।।

सिर पाहन का बोझा ल‍ीता, आगे कौन छुड़ावैगा।।

परली पार मेरा मीता खडि़या, उस मिलने का ध्‍यान न धरिया।।

टूटी नाव, उपर जो बैठा, गाफिल गोता खावैगा।।

दास कबीर कहैं समझाई, अंतकाल तेरा कौन सहाई।।

चला अकेला संग न कोई, किया अपना पावैगा।


जय साईं राम~~~
 
Title: Re: कबीर के पद~~~
Post by: tana on February 08, 2008, 04:02:06 AM
ॐ साईं राम~~~

रहना नहीं देस बिराना है।

यह संसार कागद की पुडि़या, बूँद पड़े घुल जाना है।

यह संसार कॉंट की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।

यह संसार झाड़ और झॉंखर, आग लगे बरि जाना है।

कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरू नाम ठिकाना है।

जय साईं राम~~~