जय सांई राम।।।
कलिंग विजय के बाद सम्राट अशोक अभिमान से भर गया था। उसी दौरान बौद्ध भिक्षु आचार्य उपगुप्त पाटलिपुत्र पधारे। चांदनी रात में सम्राट उनसे मिलने गया। आचार्य का अभिवादन करते हुए अशोक ने कहा, 'दुनिया का सबसे शक्तिशाली शासक सम्राट अशोक आपको प्रणाम करता है।' आचार्य ने आकाश की तरफ देखते हुए कहा, 'राजन, यह आकाशगंगा देख रहे हो? क्या तुम जानते हो, इसमें छोटे-छोटे दिखने वाले तारों में से कुछ का आकार हमें दिखाई पड़ने वाले सूर्य से भी हजारों गुना बड़ा होता है।'
अशोक ने सहमति में सिर हिलाया। तब आचार्य ने कहा, 'और तुम यह भी मानोगे कि जिस राज्य पर तुमने विजय प्राप्त की है वह इस पृथ्वी का एक बहुत छोटा सा टुकड़ा मात्र है। तो फिर अभिमान किस बात का?' कहते हैं, इसी घटना के बाद अशोक ने राज्य विजय की जगह धम्म विजय को अपनाने का संकल्प किया।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।
जय सांई राम।।।
कलिंग विजय के बाद सम्राट अशोक अभिमान से भर गया था। उसी दौरान बौद्ध भिक्षु आचार्य उपगुप्त पाटलिपुत्र पधारे। चांदनी रात में सम्राट उनसे मिलने गया। आचार्य का अभिवादन करते हुए अशोक ने कहा, 'दुनिया का सबसे शक्तिशाली शासक सम्राट अशोक आपको प्रणाम करता है।' आचार्य ने आकाश की तरफ देखते हुए कहा, 'राजन, यह आकाशगंगा देख रहे हो? क्या तुम जानते हो, इसमें छोटे-छोटे दिखने वाले तारों में से कुछ का आकार हमें दिखाई पड़ने वाले सूर्य से भी हजारों गुना बड़ा होता है।'
अशोक ने सहमति में सिर हिलाया। तब आचार्य ने कहा, 'और तुम यह भी मानोगे कि जिस राज्य पर तुमने विजय प्राप्त की है वह इस पृथ्वी का एक बहुत छोटा सा टुकड़ा मात्र है। तो फिर अभिमान किस बात का?' कहते हैं, इसी घटना के बाद अशोक ने राज्य विजय की जगह धम्म विजय को अपनाने का संकल्प किया।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।
OM SAIRAM OM SAIRAM ,
SAIRAM BAHIJI,
VERY INSPIRING STORY.
THNX FOR IT.
sai sai sai
neelam.