जय सांई राम
एक वृद्धा भगवान बुद्ध के पास आई और बोली, 'मेरी इकलौती पौत्री का निधन हो गया है। समझ में नहीं आ रहा कि मैं उस नन्ही गुड़िया के बिना कैसे रह पाऊंगी।'
बुद्ध ने कहा, 'प्रतिदिन लड़कियां जन्म लेती रहती हैं मैं तुम्हें किसी से कहकर एक नवजात पुत्री दिलवा दूंगा।' यह सुनकर वह बोली, 'भगवन, यदि मैं गोद लूंगी तो लड़के को। लड़की को गोद लेकर क्या करूंगी?'
बुद्ध बोले,'तुम नन्ही सी गुड़िया के लिए दुखी हो रही थी, अब लड़के की चाह क्यों? तुम स्वयं महिला हो, फिर भी लड़की को हीन क्यों समझती हो?'
यह सुनकर वृद्धा लज्जित हो गई।
ॐ सांई राम।।।