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Author Topic: POEMS  (Read 71342 times)

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Offline Ramesh Ramnani

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Re: POEMS
« Reply #15 on: April 05, 2007, 11:49:22 PM »
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  • जय सांई राम।।।

    ..यूँ तो शहरों के विकास के साथ  हरे पेड़ धीरे धीरे गुम हो रहे हैं और इन्ही के साथ हमारे जीवन से चिडिया, गिलहरियाँ आदि नन्हे जानवर भी गुम होते जा रहे हैं लेकिन सौभाग्य से मेरे घर के सामने पार्क है जिसमें चारों तरफ कई बरगद, नींम और बड़ के बडे़-बड़े पेड़ हैं,  एक शहतूत का हरा भरा पेड़ है जिसकी टहनियाँ मेरी बालकनी की खिड़की को छू कर मानों सदा अपना आशी्र्वाद मुझे देना चाहती हों।  घर मे घोंसला बनाने वाली चिडिया तो अब दिखाई नही देती लेकिन दूसरी छोटी-छोटी चिडिया दिखाई दे जाती है…हमारे रसोई मे एक खिड़की है जिस पर हमने पक्षियों, गिलहरीयों के खाने और पानी के लिये दो बर्तन रखें है। पिछले कई वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी कई गिलहरियों को मैने यहाँ अपना दाना खाते और पानी पीते देखा है। इन्ही से प्रेरित हो मैने अपनी नन्ही चिडिया मित्रों के लिये ये पन्क्तियाँ लिखीं——

    बडे बाग के बडे पेड पर छोटी चिडिया रहती है,
    मौज-मजे से जीवन जी लो, सबसे वो ये कहती है
    दाना चुनती, तिनका चुनती,तिनके से अपना घर बुनती,
    आँधी आये,या फिर तूफाँ, सबसे डटकर लडती है!
    हल्का फुल्का तन है उसका,चपल और चन्चल मन है उसका
    छुपकर कभी ना घर मे बैठे, हरदम आगे रहती है!
    खूब भरा है साहस उसमे, खूब भरी है हिम्मत उसमे,
    है खुद पर विश्वास गजब का, कभी नही वो डरती है!
    उस जैसा साहस मै चाहूँ, उस जैसा संकल्प मै चाहूं,
    तपती धूप और भारी बारिश जाने कैसे सहती है!
    कभी नही वो घबराती है, कभी नही वो थक जाती है,
    नन्हे पंखों से उडकर वो नभ को टक्कर देती है!!
    बडे बाग के बडे पेड पर छोटी चिडिया रहती है,
    मौज-मजे से जीवन जी लो, सबसे वो ये कहती है!


    अपना साई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: POEMS
    « Reply #16 on: April 07, 2007, 10:22:55 AM »
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  • जय सांई राम।।।

    सच बराबर तप नही
    झूठ बराबर पाप
    जां के ह्रदय साँच है
    तां के ह्रदय आप मेरे साँई
    तां के ह्रदय आप

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई।

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Radha

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    • Ek tu hee sahara, ek tu hee bharosa...
    Re: POEMS
    « Reply #17 on: April 07, 2007, 07:40:14 PM »
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  • Om Sai Ram!!!
    Bahot khoob Ramesh bhai. Sach ek choti see chidiya se hum itne bade jeevan ko jeene ka tareeka seekh sakte hain.
    Baba bless all.
    Om Sai Ram!!!
    Radha.

    Offline JR

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    Re: POEMS
    « Reply #18 on: April 08, 2007, 12:14:34 AM »
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  • Jai Sai Ram

    Teachers are preachers, they mould our future,
    My teachers are beautiful pearls,
    they take care of all boys and girls.

    They are very helpful, they are very kind.
    Everything they teach, settle to our mind.

    They are more intelligent, their heart are pure.
    They want our progress, this much I am sure.

    Our school won HT Banner-First Prize.
    By winning this, our teachers show how they are wise.

    Palak stood first from Trans Yamuna in Xth board.
    This was possible because our teachers divided our load.

    We love our teachers, we sing chores.
    Teachers are preachers. They mould our future.
    सबका मालिक एक - Sabka Malik Ek

    Sai Baba | प्यारे से सांई बाबा कि सुन्दर सी वेबसाईट : http://www.shirdi-sai-baba.com
    Spiritual India | आध्य़ात्मिक भारत : http://www.spiritualindia.org
    Send Sai Baba eCard and Photos: http://gallery.spiritualindia.org
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    Offline tana

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    Re: POEMS
    « Reply #19 on: April 09, 2007, 11:34:56 PM »
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  • ॐ सांई राम !~!

    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है -     हरिवंशराय बच्चन

    हो जाय न पथ में रात कहीं,
    मंज़िल भी तो है दूर नहीं -
    यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

    बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
    नीड़ों से झाँक रहे होंगे -
    यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

    मुझसे मिलने को कौन विकल?
    मैं होऊँ किसके हित चंचल? -
    यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!



    जय सांई राम !~!
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline JR

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    Re: POEMS
    « Reply #20 on: April 09, 2007, 11:50:58 PM »
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  • Jai Sai Ram

                                        Maa kii Mamta

                                     जब मैं छोटी बच्ची थी
                           माँ की प्यारी दुलारी थी,
                                   माँ तो हमको दूध पिलाती
                          माँ भी कितनी भोली-भाली ।

                         माखन मिश्री घोल खिलाती
                        बड़े मजे से गोद में खिलाती,
                                  माँ तो कितनी अच्छी है
                         सारी दुनिया उसमें है

    « Last Edit: April 09, 2007, 11:53:06 PM by Jyoti Ravi Verma »
    सबका मालिक एक - Sabka Malik Ek

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    Offline JR

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    Re: POEMS
    « Reply #21 on: April 09, 2007, 11:54:05 PM »
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  • One, two, three, four, five;

    Once I caught a fish alive.

    Six, seven, eight, nine, ten;

    Then I let it go again.

    Why did you let it go?

    Because it bit my finger so.

    Which finger did it bite?

    This little finger on the right.
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    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: POEMS
    « Reply #22 on: April 10, 2007, 01:46:36 AM »
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  • ॐ सांई राम !~!

    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है -     हरिवंशराय बच्चन

    हो जाय न पथ में रात कहीं,
    मंज़िल भी तो है दूर नहीं -
    यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

    बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
    नीड़ों से झाँक रहे होंगे -
    यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

    मुझसे मिलने को कौन विकल?
    मैं होऊँ किसके हित चंचल? -
    यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
    दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!



    जय सांई राम !~!


    जय सांई राम।।।

    चलते-चलते राह पथिक सब भूल जाता है,
    इन्तजारे, बेताबी में तिलमिलाना भी खूब होता है,
    यादों में दिलबर के दिल का चैन खोता है...
    बन्द पिन्जर मे पन्छी सा मन फ़डफ़डाता है....
    यादों में दिलबर के दिल का चैन खोता है...

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

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    Re: POEMS
    « Reply #23 on: April 10, 2007, 05:21:20 AM »
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  • Seven sheep were standing
    By the pasture wall.
    "Tell me," said the teacher,
    To her scholars small,
    "One poor sheep was frightened,
    Jumped, and ran away.
    One from seven-how many
    Wooly sheep would stay?"

    Up went Kitty's fingers-
    A farmer's daughter she,
    Not so bright at figures
    As she ought to be.
    "Please, miss." "Well then, Kitty,
    Tell us, if you know."
    "Please, if one jumped over,
    All the rest would go."
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    Re: A Family Difference
    « Reply #24 on: April 10, 2007, 08:55:31 PM »
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  • A Family Difference

    The Giant Tortoise lives so long—
    Sometimes for three hundred years.
    What a lot that creature sees;
    What a lot of things he hears!

    His home is an island far away,
    And there he seeks the food he’ll need.
    He weighs perhaps five hundred pounds,
    Which means he’s very big indeed.

    The Little Tortoise, here at home,
    Who ambles on the garden bed
    Is very small, compared with him,
    With tiny feet, and tiny head.

    When winter comes, he tucks himself,
    So warm and snug, inside his shell,
    And sleeps the frosty days away
    Till springtime comes, and all is well.

     
    सबका मालिक एक - Sabka Malik Ek

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    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: POEMS
    « Reply #25 on: April 17, 2007, 05:29:09 AM »
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  • जय सांई राम।।।

    अगर बच्चे होते भगवान तो क्या करते?
     
    मेरे हाथ में होती हरेक जान,
    मैं दूर कर देती सारे डर और दुख
    और भर देती जहां में सच और सुख,
    लोगों में भर देती दोस्ती और प्यार,
    'आगे बढो' उन्हें याद दिलाती बार - बार.
    मैं हटाकर गन्दगी और बुराई
    करवा देती सबसे साफ - सफाई,
    हर गरीब को देती एक सुन्दर घर,
    लगा देती मैं उनको काम पर.
    करते वह काम, न करते आराम,
    तभी बनता उनका नाम!
    मैं सच में भगवान बनना चाहती हूँ.
    अब आप ही बताओ, मैं क्या करुँ?

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline tana

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    Re: POEMS
    « Reply #26 on: April 17, 2007, 06:49:49 AM »
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  • जय सांई राम।।।

    अगर बच्चे होते भगवान तो क्या करते?
     
    मेरे हाथ में होती हरेक जान,
    मैं दूर कर देती सारे डर और दुख
    और भर देती जहां में सच और सुख,
    लोगों में भर देती दोस्ती और प्यार,
    'आगे बढो' उन्हें याद दिलाती बार - बार.
    मैं हटाकर गन्दगी और बुराई
    करवा देती सबसे साफ - सफाई,
    हर गरीब को देती एक सुन्दर घर,
    लगा देती मैं उनको काम पर.
    करते वह काम, न करते आराम,
    तभी बनता उनका नाम!
    मैं सच में भगवान बनना चाहती हूँ.
    अब आप ही बताओ, मैं क्या करुँ?

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।


    ॐ सांई राम...

    सच में रमेश भाई बच्चे ही होते भगवान....दुनिया का रूप रंग अलग ही होता......प्यारी  सी भोली सी दुनिया होती ...
    बच्चा समझ कर उसे कोसना बन्द कर देते ...उससे मांगना शायद कम कर देते....शायद तभी उस पर थोङा रहम कर लेते...उसे प्यार करते ...समय देते...


    जय सांई राम ....
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: POEMS
    « Reply #27 on: April 19, 2007, 05:15:06 AM »
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  • जय सांई राम

    मेरे भक्त जंहा मेरे गुण गाते है
    वंहा मैं सदेव रहता हूँ।

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Sai ka Tej

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    • ஜ♥ஜஜ♥♥♥♥Sai Ram♥♥♥♥ஜஜ♥ஜ
    Re: POEMS
    « Reply #28 on: April 19, 2007, 09:13:06 PM »
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  • jai sai ram

    WE THANK YOU GOD FOR PERFECT DAY,
    THAT WE HAVE SPENT IN HAPPY PLAY.
    WE THANK YOU FOR THE FUN WE HAD ,
    WITH NOTHING THERE TO MAKE US SAD.

    WE THANK YOU FOR EACH BRIGHT HOUR,
    FOR EVERY BIRD AND PLANT AND FLOWER ;
    FOR LEAMON TART AND CHOCOLATE CAKE
    THE KIND THAT MITHERS ALWAYS MAKE.

    WE LISTEN TO THE BARDIES CALL,
    AND WATCH THE JEWELLED RAINDROPS FALL.
    FOR ALL THESE THINGS WE DO THANK THEE
    WITH ALL OUR HEARTS,ON BENDED KNEES.

    sai ram
    ஜஜ♥ஜ♥♀♥♀♥ ♥♥♥♥Sai Ram♥♥♥♥  ♥♀♥♀♥ஜஜ♥ஜ

    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: POEMS
    « Reply #29 on: April 19, 2007, 10:59:34 PM »
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  • JAI SAI RAM!!!

    I may never see tomorrow;
    There's no written guarantee.
    And things that happened yesterday
    Belong to history.

    I cannot predict the future,
    I cannot change the past.
    I have just the present moment,
    I must treat it as my last.

    I must use this moment wisely,
    For it soon will pass away.
    And be lost forever
    As a part of yesterday.

    I must exercise compassion,
    Help the fallen to their feet.
    Be a friend unto the friendless,
    Make an empty life complete.

    The unkind things I do today
    May never be undone.
    And friendships that I fail to win
    May nevermore be won.

    I may not have another chance
    On bended knees to pray.
    And thank God with a humble heart
    For giving me this day.

    OM SAI RAM
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

     


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