जय सांई राम।।।
ज़िन्दगी प्यार की दो चार घड़ी होती है।
ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो,
आफिस में खुश रहो, घर में खुश रहो....
आज पनीर नही है, दाल में खुश रहो,
आज जिम जाने का समय नही, दो कदम चलके ही खुश रहो...
आज दोस्तों का साथ नही, टी०वी० देख के ही खुश रहो...
घर जा नही सकते तो फोन करके ही खुश रहो,
आज कोई नाराज़ है, उसके इस अन्दाज़ में खुश रहो...
जिसे देख नही सकते उसकी आवाज़ में खुश रहो
जिस पा नही सकते उसकी याद में खुश रहो.....
बीता हुआ कल जो जा चुका है, उससे मीठी यादें है, उनमें ही खुश रहो.....
आने वाले पल का पता नही।।सपनों मे ही खुश रहो
ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो.....
यह मत सोचो कि ज़िन्दगी मे कितने पल है ये सोचो कि....
हर पल में कितनी ज़िन्दगी है......
कहो कैसी कही???
ॐ सांई राम।।।[/size]