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Main Section => Little Flowers of DwarkaMai => Topic started by: JR on April 09, 2007, 12:26:32 AM

Title: बुद्घिमान मन्त्री
Post by: JR on April 09, 2007, 12:26:32 AM
बुद्घिमान मन्त्री

एक राजा के तीन पुत्र थे ।  उसका प्यार तीनों पुत्रों में समान था ।  पर बड़े बेटे से अधिक प्यार करता था ।

बूढ़ा होने पर राजा ने राजगद्दी बड़े पुत्र को दे दी ।  इससे दोनों छोटे पुत्र दुखी हो गये ।  राजा नहीं चाहता था कि उसके मरने के बाद वे आपस में लड़े ।  इसलिये एक दिन अपने पुत्रों को बुलाकर उसने कहा, मैं राजगद्दी तो नहीं बाँट सकता क्योंकि प्रजा उसके साथ जुड़ी है ।  मैं अपनी निजी सम्पत्ति तुम तीनों में बाँट देना चाहता हूँ ।

राजा ने बड़े बेटे को आधा भाग, मँझले को उसका आधा भाग और छोटे को उसका भी आधा भाग देने को कहा ।  राजा ने इस काम के लिये अपने मन्त्री को जिम्मेदारी सौँप दी ।

राजा के मरने के बाद धन तो आसानी से बँट गया ।  पर समस्या जब हुई जब राजा के सात घोड़ो को बाँटना था ।मन्त्री ने बहुत सोचने के बाद उनसे पूछ कर उसमें एक अपना घोड़ा मिला दिया ।  अब उसका आधा 4 घोड़े बड़े पुत्र को, उसका आधा 2 घोड़े मँझले पुत्र को और उसका आधा 1 घोड़े छोटे पुत्र को देकर बाकी बचा हुआ अपना घोड़ा उसने रख लिया ।

शिक्षा – बुद्घिमता से ही समस्याएं सुलझ सकती है ।