DwarkaMai - Sai Baba Forum

Main Section => Little Flowers of DwarkaMai => Topic started by: JR on April 08, 2007, 12:25:58 AM

Title: Tum
Post by: JR on April 08, 2007, 12:25:58 AM
तुम

शोर में शांति सी तुम
भोर में आरती सी तुम ।

पंछी में पंखो सी तुम,
बंसी में छिद्रों सी तुम ।

हकीकत में भ्रान्ति सी तुम,
स्वप्न में जीती जागती सी तुम ।

कला में सृजन सी तुम,
प्रेम में समर्पण सी तुम ।

धड़कनों के लिये हृदय सा
केतन हो तुम,
जानते हुए बनता जो
अनजान,
वो अवचेतन हो तुम ।