ॐ साईं राम !!!
बुरे सपने के अशुभ फल से बचने के लिए उपाय :-
(१)- बुरे स्वप्न को देखकर यदि व्यक्ति उठकर पुन: सो जाए अथवा
रात्रि में ही किसी से कह दे तो बुरे स्वप्न का फल नष्ट हो जाता है।
(२)- सुबह उठकर भगवान शंकर को नमस्कार कर स्वप्न फल नष्ट करने के लिए
प्रार्थना कर तुलसी के पौधे को जल देकर उसके सामने स्वप्न कह दें।
इससे भी बुरे सपनों का फल नष्ट हो जाता है।
(३)- अपने गुरु का स्मरण करने से भी बुरे स्वप्नों के फलों का नाश हो जाता है।
(४)- धर्म शास्त्रों के अनुसार रात में सोते समय अपने आराध्य का
स्मरण करने से भी बुरे सपने नहीं आते ।
(५)-चिकित्सा-विज्ञान और जीव-विज्ञान के अनुसार दु:स्वप्न या
मृत प्राणियों को सपने में देखना कोई नई बात नहीं है।
(६)-आयुर्वेद में इसकी विस्तार से चर्चा है। वात असंतुलन को इसका कारण
माना गया है और वात को संतुलित करने वाली जीवन शैली कोअपनाना
इसका इलाज माना गया है।
(७)-योगशास्त्र के अनुसार प्राणायाम, सम्मोहन, काउंसलिंग, ध्यान, योग,
जलनेति और नियमित रूप से कसरत वगैरह से दु:स्वप्न के शिकार लोगों को
काफी मदद मिलती है।
हनुमान चालीसा में एक दोहा है: भूत पिशाच निकट नहीं आवे...।
मिथकीय संदर्भ में देखें तो हनुमान को ऐसे रूप में दर्शाया गया है जिसे प्राणायाम
और उससे जुड़ी दूसरी सिद्धियों पर अधिकार प्राप्त है। दोहे का मूल अर्थ यह है कि
प्राणायाम आदि से खुद को जोड़ कर इन व्याधियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
ॐ श्री राम, जय श्री राम, जय जय श्री राम
सियापति रामचन्द्र की जय
ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ साईं राम, श्री साईं राम, जय जय साईं राम !!!