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Author Topic: पांच चीज़े है जिनसे पृभु श्री कृष्ण अति प्रसन्न होते है  (Read 3409 times)

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Offline ShAivI

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  • बाबा मुझे अपने ह्र्दय से लगा लो, अपने पास बुला लो।
ॐ साईं राम !!!

पांच चीज़े है जिनसे पृभु श्री कृष्ण अति प्रसन्न होते है,
यह सभी इन्हे अपने बचपन से ही प्यारी है इसी धारणा से आज भी भक्तो
इन्हे यह चीज़े प्रदान करते है। आइये जाने यह पांच चीजे क्या है:-


(१)  1 बांसुरी
(२)  गाय और ग्वाल
(३)  मोर पंख
(४) कमल बीज की वैजयंती माला
(५) माखन ओर मिसरी

इन चीजोके रहस्य ज्ञानसे, भक्तोको, श्री कृष्ण का प्रेम ओर सीख भी प्रदान होता है।

(१) बांसुरी

बांसुरी श्री कृष्णको अति प्रिय है, इसे पृभु अपनी ख़ुशी और गम दोनों में बजाय करते थे,
हमेशा उनके साथ उनकी बांसुरी रहती थी, उन्हें बंसी बजैया भी कहा जाता है।
ऊसमें ३ गुण हीनेसे प्रिय है।

बांसुरी में कोई गांठ नही होती हे, इसी तरह मनुष्यको भी किसीभी बातकी गांठ नही
बांधनी चाहिए, किसीकी भी बुराईको पकड़ के मत बैठो.

दूसरा गुण यह है की बांसुरी बिना बजाये बजती नही,
अत:जब तक ना बोला जावे, हम भी व्यर्थ ना बोले।

तीसरा, जब भी बांसुरी बजती है मधुर ही बजती है।
जिसका अर्थ हुआ जब भी बोले, मीठा ही बोले।

जब ऐसे गुण पृभु किसीमें देखते हैं,
तो उसे उठा कर अपने होंठों से लगा लेते हैं

(२) गाय ओर ग्वाल

श्रीकृष्ण को गौ अत्यंत प्रिय है। दरअसल,गौ सब कार्यों में उदार तथा
समस्त गुणों की खान है। गौ मूत्र,गोबर,दूध, दही और घी,इन्हे पंचगव्य कहते हैं,
मान्यता है कि इनका पान कर लेने से शरीर के सब रोग जीवके भीतर पाप नहीं ठहरता,
जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करता है, वह सब पापों से मुक्त होकर
अक्षय स्वर्गका सुख भोगता है।

(३) मोरपंख

मोरपंख से ब्रह्मचर्य की शिक्षा,

मोर ही एकमात्र प्राणी है जो -ब्रह्मचर्य का पालन करता है,
मोरनी मोर के आँखके आँसू को पीकर ही संतान को जन्म देती है।
इस लिऐ इस सुन्दर पक्षी के पंख श्रीकृष्ण को बहूत पसंद हैऔर हमेशा
उन्हें अपने शिर पर मोरमुकुट के रूपमें सजाते है।

(४)  कमल की वैजयंती माला

कमल की तरह रहें पवित्र

कमल गन्दगी में रह कर भी बहूत सुन्दर और पवित्रता का प्रतीक है,
इसकी खुशबु मनको मोह लेती है यह हमें जीवन जीने का सन्देश देता है की
आपके आस पास कितना भी अवगुणी लोग क्यों ना हो,चाहे तो आप गुणवान
बन सकते है, आपको वो अवगुण छू भी नहीं सकते।कमल से बनी वैजयंती माला
श्रीकृष्ण जी के गले में शोभित है कमल के बीजों से बनी वैजयंती माला जो चमकदार
होती है, बीज सख्त होने के कारण टूटते नही है यह माला हमें सीख देती है किसी भी
अवस्था में टूटे नही, हमेशा चमकदार बने रहे और इन बीजो की मंजिल है धरा तो हमेशा
अपनी जमीन से जुड़े रहे कितने भी बड़े क्यों ना हो जाए परअपनी पूर्व पहचान के नजदीक
बने रहे, जो इस तरह रहते है, पृभु उनको अपने गले लगा लेते है,

(५) माखन मिस्री

माखन मिस्री से सीखें की मिठास हमारे कान्हा को बहुत ही प्रिय है।
मिस्री में सबसे बड़ा गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है,
तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है। यह हमें सीख देती है,
हमारा व्यवहार भी ऐसा ही होना चाहिए की हमारे आस पास हमारे व्यवहार की
मिठास घुल जाये, हमारे सम्पर्क में आकर आस पास भी मधुर गुण भर जाये

श्री कृष्ण कनैया लालकी जय




ॐ साईं राम, श्री साईं राम, जय जय साईं राम !!!

JAI SAI RAM !!!

Offline saibabakibeti

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Om SaiRam Shaivi didi.

Thanks for sharing this article / awarness message.
So beautifully explained.

Even if we adopt and abide by one of the five described thingswill surely be loved by Lord Krishna.
Simple yet so powerful message.

Very enlightening
OM SHRI SAI NATHAY NAMAH

 


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