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Indian Spirituality => Sai Baba Books Archive => Topic started by: archanamundra on December 28, 2007, 12:48:18 AM

Title: sai bavni
Post by: archanamundra on December 28, 2007, 12:48:18 AM
साई बावनी  :
श्री अवधूत चिंतन श्री गुरु देव दत्ता

जय ईश्वर जय साई दयाल ! तू ही जगत का पालनहार !! दत्त दिगंबर प्रभु अवतार ! तेरे वश मैं सब संसार !!
ब्रह्मच्युत शंकर अवतार ! शरनागत का प्राणाधार !! दर्शन दे दो प्रभु मेरे ! मिटा दो चौरासी फेरे !!
कफ्नी तेरी एक साया ! झोली कांधे लटकाया !! नीम तले तुम प्रकट हुए ! फकीर बन के तुम आए !!
कलियुग में अवतार लिया ! पतित पावन तुमने किया !! शिरडी गाव में वास किया ! लोगों का मन लुभा लिया !!
चिलम थी शोभा हाथों की ! बंसी जैसे मोहन की !! दया भरी थी आखों मे ! अमृत धारा बातों में !!
धन्य द्वारका वो माई ! समां गए जहाँ साई !! जल जाता है पाप वहाँ ! बाबा की धूनी जहाँ !!
भूला भटका मैं अंजान ! दे मुझको  अपना वरदान !! करुनासिंधु प्रभू मेरे ! लाखों बैठे दर पे तेरे !!
अग्निहोत्री शास्त्री को ! चमत्कार तुमने दिखलाया !! जीवनदान शामा पाया ! जहर सांप का उतराया !!
प्रलयकाल को रोक लिया ! भक्तों को भयमुक्त किया !! महामारी बेनाम किया ! शिर्डिपुरी को बचा लिया !!
प्रणाम तुमको मेरे ईश ! चरणों में तेरे मेरा शीश !! मन की आस पुरी करो ! भवसागर से पार करो !!
भक्त भिमाजी था बीमार ! कर बैठा था सौ उपचार !! धन्य साई की पवित्र उदी ! मिटा गई उसकी क्षय व्याधि !!
दिखलाया तुने विट्ठल रूप ! काकाजी को स्वयं स्वरूप !! दामू को संतान दिया ! मन उसका संतुष्ट किया !!
कृपा निधि अभ कृपा करो ! दिन दयालु दया करो !! तन मन धन अर्पण तुमको !! दे दो सद्गति प्रभु मुझको !!
मेधा तुमको न जाना था ! मुस्लिम तुमको माना था !! स्वयं तुम बनके शिवशंकर ! बना दिया उसका किंकर !!
रोशनाई की चिरागों से ! तेल के बदले पानी से !! जिसने देखा आखों हाल ! हाल हुआ उसका बेहाल !!
चाँद भाई था उलझन में ! घोडे के कारन मन में !! साई ने की ऐसी कृपा ! घोडा फिरसे वह पा सका !!
श्रद्धा सबुरी मन में रखो ! साई साई नाम रटों !! पुरी होगी मन की आस ! करलो साई का निज ध्यान !!
जान के खतरा तात्या का ! दान दिया अपनी आयु का !! ऋण बायजा का चुका दिया ! तुमने साई कमाल किया !!
पशु पक्षी पर तेरी लगन ! प्यार में तुम थे उनके मगन !! सब पर तेरी रहम नज़र ! लेते सब की ख़ुद ही ख़बर !!
शरण मेरे तेरे जो आया ! तुमने उसको अपनाया !! दिए है तुमने ग्यारह वचन ! भक्तों के प्रति लेकर आन !!
कण कण में तुम हो भगवान ! तेरी लीला शक्ति महान !! कैसे करू तेरे गुणगान ! बुधि्दहीन में हूँ  नादान !!
दीन दयालू तुम हो दाता ! हम सबके तुम हो त्राता !! कृपा करो अभ साई मेरे ! चरणों में आ गए है तुम्हरे !!
सुबह शाम साई का ध्यान ! साई लीला के गुणगान !! दृढ॰ भक्ति से जो गाएगा ! परम पद को वह पायेगा !!
हर दीन सुबह शाम को गाए ! साई बावनी को !! साई देंगे उसका साथ ! लेकर अपने हाथ मैं हाथ !!
अनुभव तृप्ति के यह बोल ! शब्द बड़े हैं ये अनमोल !! यकीन जिसने मान लिया ! जीवन उसने सफल किया !!
साई शक्ति विराट स्वरूप ! मन मोहक साई का रूप !! गौर से देखो तुम भाई ! बोलो जय सदगुरु साई !!

!! अनंतकोटी ब्रह्माण्ड नायक रजा-धिराज योगीराज परब्रम्ह श्री सचिदानंद सदगुरु साईनाथ की जय !!

!! श्री सदगुरु साईनाथ अर्पण मस्तु सुभम भवतु !!