दीन दयाल बृहत् संभारी, हरउ नाथ मम: संकट भारी
ईश्वरीय अलोक लिये प्रभु मानव रूप धरे हो,
चमत्कार ही चमत्कार से तुम सम्पूर्ण भरे हो
चमत्कार ही चमत्कार से तुम सम्पूर्ण भरे हो |
प्रभु तुम हो जहाँ, रहता है वहाँ, उजियारा ही उजियारा
ॐ जय साईनाथ, जय साईनाथ ,
आदि न अंत तुम्हारा, तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा |
ॐ साई राम