ॐ जय साईनाथ, जय साईनाथ,
आदि न अंत तुम्हारा, तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा,
धरती पर रह कर प्रभु तुमने तन अम्बर तक विस्तारा,
ॐ जय साईनाथ, जय साईनाथ
आदि न अंत तुम्हारा, तुम्हें श्रद्धा नमन हमारा |
ईश्वरीय अलोक लिये प्रभु मानव रूप धरे हो,
चमत्कार ही चमत्कार से तुम सम्पूर्ण भरे हो
चमत्कार ही चमत्कार से तुम सम्पूर्ण भरे हो |
सौ भाग्य मिले तब दर्शन का सौभाग्य मिले सुखकारा
ॐ जय साईनाथ, जय साईनाथ
आदि न अंत तुम्हारा, तुम्हे श्रद्धा नमन हमारा |