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Author Topic: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO  (Read 15232 times)

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Offline Ramesh Ramnani

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    • Sai Baba
Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
« Reply #30 on: March 15, 2007, 02:14:53 AM »
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  • मैं भटक रहा हूँ बाबा,
    तुम मुझको राह दिखाना।
    कण-कण में बसने वाले,
    मेरे नैनों मे भी समाना।
    मेरी विनती सुन लो बाबा,
    मुझको शरण मे ले लो।
    थोडी से जगह मुझको भी,
    अपने चरण में दे दो|


    जय सांई राम।।।

    दीपक भाई ज़ुबान ही सिर्फ एक ज़रिया नही,
    जो आप 'उनके' शब्दों को समझ पाऐगें
    बाबा की आंखो में कभी झांक कर देखिये,
    हज़ारो अलफाज़ खुद-ब-खुद बिखर जायेंगे।

    अपना सांई सबसे प्यारा सबसे न्यारा अपना सांई इसको

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline deepak_kumar_pahwa

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    • अब तू ही मेरा रेहनुमा,अब तू ही मेरा खुदा है।
      • Sai Baba
    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #31 on: April 24, 2007, 08:10:59 AM »
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  • HEY DAYA KE SAGAR MUJHPE,
    APNI DAYA KAR DO.
    HEY SAI MUJHKO,
    APNI BHAKTI KA VAR DO!

    JAAN SAKU MAI TUJH KO,
    ITNI KRIPA KAR DO,
    MERE PYASE NAINO ME,
    APNA DARAS BHAR DO.

    RAH PE TERI CHALTA JAAU,
    ITNI SHAKTI BHAR DO.
    PAA SAKU TUMKO BABA,
    AISA MUJHKO KAR DO.

    HEY SAI MUJHKO,
    APNI BHAKTI KA VAR DO!
    DEEPAK SAI PAHWA

    "अब तू ही मेरा रेहनुमा,अब तू ही मेरा खुदा है।"



    ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम|                 ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम|                   ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम            ॐ साईं राम|                  ॐ साईं राम|                   ॐ साईं राम|               ॐ साईं राम|
    [/move

    Offline saikrupakaro

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #32 on: August 23, 2007, 03:31:48 AM »
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  • :-* :-* :-* :-* :-*Dear Sai Bhagat, :-* :-* :-* :-* :-* :-*

    when you see this Messge " Close your eyes and see SAI BABA  , breath inhale saying BABA BE WITH ME ALWAYS " open your eyes.

    Thanks baba is happy with you.

     :-* :-* :-* :-* :-* :-*Bolo shri Sat Guru Sainath maharaj ki JAI :-* :-* :-* :-* :-* :-*

    Sai Anamika :-* :-* :-* :-* :-* :-* :-*
    SHRI SAI BABA SAB PAR KRUPA KARO PLZZ

    Offline saloni1

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #33 on: September 10, 2007, 11:50:37 PM »
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  • SAI REHAM NAZAR KARNA, BACCHON KA PALAN KARNA
    SAI REHAM NAZAR KARNA, BACCHON KA PALAN KARNA
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    my sai baba

    Offline abhinav

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #34 on: September 24, 2007, 01:34:15 PM »
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  •                                 "बाबा से इल्तजा"


    हज़रत-ए-साँई तेरे दरबार में,           (हज़रत= आदरणिय)
    इल्तजा फरमाता हूँ-                    (इल्तजा= प्रार्थना)
    शान-ए-बिलायत पर तेरी,               (शान-ए-बिलायत पर =सम्मान में)
    लिखना मैं कलमा चाहता हूँ।

    पर रहती नहीं उर्दू-अदब,
    मेरी ज़ुबान में।
    और आते नही उर्दू के,
    अल्फ़ाज़ दिमाग में।                (अल्फ़ाज़=शब्द)

    अब तुम ही मुझको राह दिखाओ,
    साँई-पाक करम फ़रमाओ।
    हाथ मेरे, कलम मेरी,
    पर हाथ पकडकर तुम लिखवाओ।







    बाबा की कृपा से मैं जो कलमा लिख सका वो इस प्रकार है-


                                      “कलमा-ए-सच्चरित”


    तडपती रुहों पर जब,
    खुदा ने इनायत फ़रमाई।                (इनायत= अहसान)
    अल्लहा ने ज़मी पर जन्नत बसाई-            (जन्नत = स्वर्ग)
    है वो शिर्डी - जहाँ रहते थे साँई।

    उसी साँई का तुमको, 
    सुनाता हूँ किस्सा, 
    खुद अल्लहा भी सजदा, 
    करता था जिसका।

    अल्ल्हा के नूर से रोशन,                        (नूर =तेज)
    उनकी जिन्दगानी अजीब है।
    उस मुस्लमान्-ब्राह्मण की,
    कहानी अजीब है।

    सोलह बरस की उम्र का,
    वो पिसर कमाल था।      (पिसर=बच्चा,लडका,बेटा){यहाँ इसका अर्थ "लडका" समझें}
    जो चेहरे पे रोशन था उसके,
    वो नूर धमाल था।                    (नूर=तेज)


    फाका-कशी का उसको,                        (फाका-कशी= भूखे रहना)
    ना कोई मलाल था।                      (मलाल= दुःख होना)
    मजहबों की सरहदों का भी,                  (मजहब=धर्म,सरहदें=सीमाएं)
    ना उसको ख्याल था।
     

    ना वालिद की खैर थी,                      (वालिद=पिता)
    ना वालिदा का था पता।                (वालिदा=माता)
    समझा कोई फ़कीर तो,
    किसी को वली लगा।              (वली=अल्लहा/इश्वर से जुडा मनुष्य, ब्रह्म-ज्ञानी)





    इक रोज शिर्डी का हर जर्रा,
    रंज़-ओ-अलम से हिला।               (रंज़-ओ-अलम =भयंकर दुःख)
    न वो फ़कीर मिला,
    न उसका पता मिला।

    चाँदपाटिल की जंगल से,
    जब हुई रवानगी।                    (रवानगी= जाना)
    इक अजीब से फ़कीर पे,   
    उसे हो आयी दिवानगी।

    क्योंकि फ़कीर ने चाँद की, 
    घोडी थी दिलाई।
    और बिना माचिस के ही उसने, 
    अपनी चिलम थी जलाई।

    रहने लगा फ़कीर,
    उसी चाँद के साथ में।
    आ गया फिरदौस-ए-जमीं को,    (फिरदौस-ए-जमीं =धरती का स्वर्ग अथार्त "शिर्डी")
    सँग उसके बारात में।
     
    महालसापती ने बारात की,
    अहतरामगी खूब की।                 (अहतरामगी=स्वागत-सतकार)
    उस फ़कीर को देखके, 
    उनके दिलने अवाज दी-

    जो उनकी ज़ुबाँ पर सजे,
    वो अल्फज़, ये थे मेरे भाई-              (अल्फाज़= शब्द)
    महालसापती बोले के-
    आओ मेरे "साँई"|
     
    तभी से आपको रुतबा,
    हज़रत-ए-साँई का मिल गया।        (हज़रत= आदरणिय)
    ये अल्लहा का फूल था जो, 
    शिर्डी में खिल गया।

    जब बारात की शिर्डी से,
    हो गयी रवानगी।                (रवानगी= विदा होना)
    आप रुके शिर्डी में ही,
    करी मस्जिद से दिवानगी।

    द्वरिकामाई मे ही आपने, 
    डेरा जमा लिया। 
    शिर्डी को ही आपने, 
    "पाक-मदीना" बना दिया। 
     
    गीता के श्लोकों को,   
    कुरान की आयत से मिला दिया।
    फासला मज़हबों का,                              (मज़हब=धर्म)
    सबके दिलों से मिटा दिया।

    "अल्लहा-मालिक" कहते-कहते, 
    "राम-भजन" गाते थे आप। 
    हिन्दू को भगवान और, 
    मुस्लिम को नबी नजर आते थे आप।        (नबी= मुसलमानों के देवता)

    हजरत-ए-साँई पाक ने,                          (हजरत=आदरणिय,पाक= पवित्र)
    ऐसे लंगर भी लुटया- 
    खुद तो फाके से रहे और,                       (फाके= भूखे रहना)
    दूजों को खाना खिलाया।

    आपके दरबार का, 
    जलवा भी अजीब था- 
    कुत्ते-बिल्ली को भी आपकी थाली से, 
    लंगर नसीब था।

    आपकी मश्हूरियों के वाक्यां,                (मश्हूरियां=प्रसिद्धी,वाक्यां=किस्से)
    लगते अजीब हैं।
    पानी से रोशन चिराग,                      (चिराग=दीपक)
    सबके दिल के करीब हैं।
     
    तख्ते पे आपका,
    आराम फरमाना मशहूर है।            ( आराम फरमाना =अराम करना)
    चोलकर को शक्कर की चाय, 
    पिलवाना मशहूर है।


    हर मर्ज़ की दवा,                          (मर्ज़=बिमारी)
    आपकी करामाती राख थी।          (करामाती=चमत्कारी,   राख=उदी)
    अपने  हर सवाली पे आपकी,
    रहमत की आँख थी।

    नीम को भी आपने,
    कडवाहट भुला दी।
    एक कोढी को चादर से ही,
    दवा-ए-मर्ज़ पिला दी।       {दवा-ए-मर्ज़ =(कोढ के) बिमारी की दवा}


    शामा पर चढे जहर का,
    असर मिटा दिया।
    आपने ही दाभोलकर को,
    "हेमाडपन्त" बना दिया।

    शिन्दे के कोढ की आपने,
    परवाह नही की।
    जले हुए हाथ की,
    और कोई दवा नही की।


    जो मेघा को था आपसे,
    वो इश्क कमाल था।                      (इश्क =प्रेम)
    जिनके इन्तकाल पे,                          (इन्तकाल=मॄत्यु)
    खुद आपको मलाल था।                   (मलाल=दुःख)


    आपने उठया काँधे पे,
    उनके जनाजे का भार था।                  (जनाजा=अर्थी)
    और आपने पहनाया उन्हे,
    अपने अश्कों का हार था।                    (अश्कों= आँसूओं)

    औरंगाबादकर को आपने,
    औलाद से नवाजा।                          (औलाद=संतान)
    हर जरुरतमन्द के लिए आपका,
    खुला रहता था दरवाजा।

    यूँ तो दशहरे को आप,
    पर्दा-नशीं हुए।                                   (पर्दा-नशीं हुए= शरीर त्याग दिया)
    पर अकीकतमन्दों को आज भी नजर आते हैं- (अकीकतमन्द= भक्त/चाहने वाले)
    पीर-ए-मुर्शीद बने हुए।                          (पीर-ए-मुर्शीद =जीवित गुरु)

    आपके दरबार से कोई,
    कभी खाली नही जाता।
    आपकी मज़ार ने ब-खूब,                     (मज़ार =समाधी)
    तामील किया है ये वादा।           (तामील किया है  = निभाया है,   वादा=वचन)
     
    ऐसे साँई पाक को मैं,
    सलाम नज़र करता हूँ।              (सलाम नज़र करता हूँ=प्रणाम करता हूँ)
    आपकी "रहम-नज़र" की ख्वाहिश में, 
    अपनी जिन्दगी गुजर करता हूँ।        (जिन्दगी गुजर करता हूँ=जीवन बिताना)

    आपसे तालीम की हसरत है मुझको,       (तालीम=शिक्षा,   हसरत= इच्छा/चाह)
    "पाक-कदमों" मे अपने  पनह दिजिये।   ( पाक-कदम=पवित्र चरण,     पनह=शरण)
    मुझको अपना मुरीद बनाके,                                   (मुरीद=शिष्य)
    "इल्म-ए-तरीकत" सिखा दिजिये।      (इल्म-ए-तरीकत= अध्यात्मिक शिक्षा/ब्रह्म-ज्ञान)

    आपकी कुरवत तडपाती है मुझको,                                    (कुरवत= याद)
    या तो मुझको दरस दिखा दो|
    "श्रध्दा-सबुरी" का कलमा सिखा कर,         
    या तो मुझको साबिर बना दो।
                                  (साबिर= जो मनुष्य सब्र करना जानता हो)
     
    « Last Edit: September 26, 2007, 01:04:49 AM by abhinav »
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

    Offline abhinav

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #35 on: September 24, 2007, 02:12:59 PM »
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  • dear sai bandhus,

    i wished to write a poem for more than three months but was always failed, as i do not have command over urdu language.

    one day i was thinking what should i do? then i thought-" i should ask baba to help me to write something on him. he will surely help me, as he helped hemadpant to write sacharit on him."

    i did the same and you will not beleive it, but suddenly the words of urdu strted to click my mind. and i could write  it within 3-4 hrs only.

    then i consulted with my muslim friends, but surprised- it  did not require changes.

    but as i told you that i do not have command over urdu, i request you all if you find any mistake (or think some words require changes) plzzzzzzzzzz contact me at-

    deepak_kumar_pahwa@yahoo.co.in

    i dont want to hurt anybody's feelings. if it has happened, plzzzzzzzzzz plzzzzzzz forgive me.

    om sai ram
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

    Offline tana

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #36 on: September 25, 2007, 12:40:52 AM »
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  • Om Sai Ram~~~

    Deepak bhaiya,

    AMAZING~~~~~~~~NO WORDS to Exaplin....How LUCKY WE ARE~~~~~~~~

    PRECIOUS PEARL HAI AAP BABA K~~~~Ek Ek Shabd main BABA ka Pyaar aur Aashirwad Nazar aa rha hai~~~~

    BABA bless u lots n lots of happiness ~~~~give everthing in life~~~

    Jai Sai Ram~~~
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline my_sai

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #37 on: September 25, 2007, 07:27:13 AM »
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  • ABHINAV BHIYA
    GOOD JOB .  :)
    SAI MA KI DAYA AAP PER SADEV BANI RAHEY
    श्री सद्रगुरु साईनाथ.
    मेरा मन-मधुप आपके चरण कमल और भजनों में ही लगा रहे । आपके अतिरिक्त भी अन्य कोई ईश्वर है, इसका मुझे ज्ञान नहीं । मुझ पर आप सदा दया और स्नेह करें और अपने चरणों के दीन दास की रक्षा कर उसका कल्याण करें । आपके भवभयनाशक चरणों का स्मरण करते हुये मेरा जीवन आनन्द से व्यतीत हो जाये, ऐसी मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है ।
     श्री सद्रगुरु साईनाथार्पणमस्तु

    Offline abhinav

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #38 on: September 26, 2007, 01:06:06 AM »
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  • THANK YOU TANA JI,

    THANK YOU my_sai JI.

    THANKS A LOT!

    OM SAI RAM
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

    Offline saisewika

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #39 on: September 26, 2007, 07:02:56 AM »
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  • OM SAI RAM

    WAH BAHUT KHOOB, KYA BAAT HAI
    YAKEENAN AAPKE SAR PE BABA KA HAATH HAI
    YUNHI AAP LIKHEN, LIKHATE RAHE WOH
    AAP PER INAAYATE YUN LUTATE RAHE WOH

    JAI SAI RAM

    saisewika

    Offline abhinav

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #40 on: September 26, 2007, 11:07:24 AM »
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  • saisewika ji,

    thanks a lottttttttttt!

    sach kaha aapne, ye jo bhi mai likh saka woh baba ke ashirwad aur chamatkaar ke bina impossible tha. even i dont know ye sab kaise hua. lekin jab maine bhi ye kalma pada to sach maniye dil ko bahut anand mila. aisa laga jaise ye mere liye baba ka ashirwad aur prashada hai. :)

    thanks once again.

    om sai ram
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #41 on: November 25, 2007, 12:25:57 AM »
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  • कैसा ये अजीब फ़साना हो गया?
    बिना कारण मै तेरा दिवाना हो गया।


    ना अश्क सूखे आँखो के,
    ना दिल का दर्द ही गया।
    कभी जख्म ताडपाते थे रातों को,
    अब तेरी यादों मे सोए जमाना हो गाया।


    कैसा ये अजीब फ़साना हो गया?
    बिना कारण मै तेरा दिवाना हो गया।


    खुद ही से पुछता हू मै,
    अपनी मुहब्बत का सबब।
    खुद ही को समझाते हुए-साई,
    मैं तेरा मस्ताना हो गया।


    कैसा ये अजीब फ़साना हो गया?
    बिना कारण मै तेरा दिवाना हो गया।
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

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    बाबा का चपरासी
    « Reply #42 on: December 27, 2007, 11:36:01 AM »
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  • किसी को बनाया सेवक तूने,
    किसी को भक्ति दे डाली।
    इतरा रहा हूँ बनके बाबा-
    साई दरबार का मैं चपरासी।


    भक्ति का मुझे पता न अर्थ,
    सेवा को भी मैं नही समर्थ।
    जीवन मेरा जाता व्यर्थ-
    जो न मिलते साई समर्थ।


    भक्तों को तुम राह दिखलाते,
    सेवको को भी मदद पहुँचाते।
    अपने इस शुभ कार्य का-
    मुझको बाबा निमित बनाते।


    सबपे अपनी कॄपा बरसाके,
    उनके बिगडे काम बनाते।
    अपनी लीला आप रचाके-
    मुझ पतित का मान बढाते।


    अपनी लीला तुम ही जानो,
    तुम ही मेरा भला पहचानो।
    बाबा मेरी विनती मानो-
    मुझको अपना दास बनालो।


    मैं हूँ बाबा बेबस-लाचार,
    तुम हो जगत के पालनहार।
    मुझपर भी तुम करो उपकार-
    बाबा मेरा करो उद्धार।



    मन को मेरे है विश्वास,
    इक दिन पूरी होगी आस।
    जब मैं तेरा बनुँगा दास-
    तेरे मिलन की बुझेगी प्यास।
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #43 on: January 15, 2008, 11:31:52 AM »
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  • साई तोको सबही पूजें, तेरी को न पूजे कोई।

    जो तेरी को पूजत है, जग वो का  बैरी होई॥
    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

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    Re: BABA RAHAM NAJAR BARSAA DO
    « Reply #44 on: January 15, 2008, 11:48:32 AM »
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  • मोरे नैना तरस रहे हैं, तेरे दरस के दरसन को।

    अपने प्रेम की सुधा बरसाके,धो दो मोरे तन मन को॥



    मी पापी-पतित धीमंद । 
    तारणें मला गुरुनाथा, झडकरी ।।
    मुझसा कोई पापी तेरे दर पे ना आया होगा।
    और जो आया होगा, खाली लौटाया ना होगा॥
    ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM          ॐ साई राम          اوم ساي رام          ਓਮ ਸਾਈ ਰਾਮ          OM SAI RAM

     


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