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Sai Literature => Sai Baba poems => Topic started by: nid on May 30, 2008, 12:21:09 AM

Title: jab bhi aaye
Post by: nid on May 30, 2008, 12:21:09 AM
jab bhi aayen hai tere kareeb
mili hai khushiyan kai tamam
Title: Re: jab bhi aaye
Post by: Ramesh Ramnani on May 30, 2008, 01:03:49 AM
जय सांई राम।।।

निद जी आपका स्वागत है बाबा सांई के इस मनोरम मन्दिर में। बहुत सुन्दर शेर कहा है आपने जब भी आयें है तेरे करीब मिली है खुशियाँ कई तमाम

कहते है लोग, ये इश्क़ आग का दरिया होता है!
कैसे कहें हम,  कि इश्क़ ही बाबा के दिल तक पहुँचने का ज़रिया होता है!
कहते है लोग, ये इश्क़ एक आँधी लाती है!
हमे तो इश्क़ से,  शिरडी के लैन्डी बाग की गीली गीली मिट्टी
की खुशबू सौन्धि सौन्धि आती है!
कहते है लोग, ये इश्क़ समंदर से भी गहरा होता है!
कैसे बताए,  कि इश्क़ में, हर पल एक नया सवेरा होता है!
कहते है लोग कि इश्क़ में, कदम कदम पर संभालना होता है!
कैसे बताए, कि इश्क़ में,  बाबा के साथ मिलकर एक राह पर चलना होता है!
कहते है लोग, कि इश्क़ में, माँगनी होती एक मन्नत है!
कैसे समझाऊ, कि बाबा से इश्क़ करना, 
बन गई है मेरे लिए एक जन्नत
कहते है लोग, ये इश्क़ किसी और की अमानत होती है!
कैसे कहे सबसे, कि मेरे लिये ये इश्क़,
बाबा  की दी हुई एक नेमत है!
 
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई


ॐ सांई राम।।।