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Author Topic: बाबा की कृपा और अम्मा का आशीर्वाद  (Read 10738 times)

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Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू


जय साईं राम

मै जीविकोपार्जन हेतु मेरी अम्मा से कोसो दूर रहता हूँ और सालाना एक बार ही उनसे मिलने को  जा पता हूँ . मेरी अम्मा साईं की दीवानी है .सदा ही साईं के प्यार में डूबे रहने में ही उन्हें आत्मिक शांति की अनुभूति होती है . वो प्रतिदिन मुझे भी प्रात: काल बाबा की लीलालो और विचारो  पर छोटी-छोटी कवितायेँ SMS  करती हैं . आज मुझे अचानक विचार आया की क्यों न मैं इन कविताओ को आपसे भी बाटूँ और आपको भी साईंमय  आनंद के सागर में गोते लगाने के लिए ले चलू.

प्रतिदिन की कुछ कविताओं को संगृहित करके आपके समक्ष रखने का प्रयास  कर रहा हूँ ..............

ॐ साईं नाथाय नमः

दास गणु जाने लगे, पावन तीरथ प्रयाग
गंगा जमुना पा गए ,साईं चरणन लाग |

पंडरपुर की परिधी में ,शिर्डी गाँव  बसे
कन्हा का मंदिर यहाँ ,यही द्वारकामाई भी बसे .|

रात भर दीपक जले, साईं जल से दीप जलायें
चमत्कार ये देखकर, शिर्डी वासी सब चकराएँ |

बाबाजी पहुंचे वह, आदर करता गाँव
महलसपति कहने लगे, आओ साईं आओ  |

तब से वे साईं हुए, साईं आदर पाए
सभी भक्त साईं कहें, साईं नाम सुहाए |

सटका मार ज़मीन पर , पानी रहे बहाए
चिमटा गार्ढ़ जमीन में, अग्नी भी ले आये |

अंधकार में किरण की एक आस चाहिए
मन में अटल विस्वास चाहिए
होगा जरूर एकदिन साईं एहसास
मन में श्रद्धा और सबुरी का वास चाहिए |

जीव-जंतु सब धन्य है ,शिर्डी जनम लिवाय
साईं चरणन धूलि जब, मस्तक पर लग जाये |

तारो को रोशन करे, जो चंदा चमकाए
शिर्डी में साईं प्रभु , सूरज बनके आये  |

शांति और बेराग से, वैष्णवी भक्ति पावे
भवसागर भरी कठीन, साईं पार लगाये |

बाबा का अंतकरण, अजाब निराला होय
साईं तो शिर्डी बसे, ज्ञान विश्व का होय  |

फूलो में खुसबू बसे, खुसबू पवन बहाए
इसी तरह साईं प्रभु, चन्दन से महकाए |

दया धर्म से हीन हो, पाप बढे संसार
स्थापन निज धर्म को, साईं ले अवतार |

मन चंचलता छोड़कर, आलस दूर भगाए
आसक्ति इन्द्रियां तज, साईं लीला गए |

साईं लीला का श्रवण ही, सबसे सुगम उपाय
मन-मंदिर साईं बसे, मोक्ष दवर खुल जाये |

साईं से क्या पूछना, साईं को सब है ज्ञान
बैरागी अध्यातामय, साईं गुंणों की खान |

बाबाजी में पा गए, अकल्कोट महाराज
शिर्डी में साईं बसे, हम सबके सरताज  |

 

साईं राम


   

Offline PiyaSoni

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  • ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ
ॐ साईं राम प्रताप जी

बहुत बहुत धय्न्वाद , सच में आपकी अम्मा साईं की दीवानी है ! मुझे तो बड़ा आनद आया आपकी इन कविताओ को पढ़ कर ....आप से एक विनती है कृपा कर आगे भी ऐसी  कवितायों को हम सब के साथ  बांटते रहे !!

साईं राम

साईं समर्थ........ श्रद्धा सबुरी
"नानक नाम चढदी कला, तेरे पहाणे सर्वद दा भला "

Offline Devbani

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Really your amma is blessed

om sai ram

Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू



जय साईं राम

अम्मा द्वारा हररोज  भेजी गई बाबा की सुंदर -सुंदर लघु कवितायेँ वास्तिविक रूप से अम्मा की स्वयम की रचना नहीं है ,यह अम्मा को एक साईं की संस्थान से प्रतिदिन मोबाइल में आती है . मैंने ये कहना उचित इसलिए समझा क्योकि कोई गलत भ्रान्ति न हो की ये रचनाये मेरी अम्मा के द्वारा ही रची गई है .

साईं राम

Offline Pratap Nr.Mishra

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  • राम भी तू रहीम भी तू तू ही ईशु नानक भी तू

ॐ साईं नाथाय नमः

जैसा की मैंने कहा था की जैसे ही कुछ SMS मेरी अम्मा के द्वारा भेजे हुए आयेंगे मै पुनः आपलोगों से बाबा की सुंदर -सुंदर लघु कवितायेँ लेकर उपस्थित होऊंगा . 

इन सब में सबसे कठिन ,भक्ति मार्ग कहाये
साईंजी  पे विस्वास रख ,राह सरल हो जाये |

साईं के दर्शन करके, साईं सुख पहुचाएंगे
अहंकार जब भी बड़े, बाबा उसे मिटायेंगे  |

जितने भी अवतार है, सब साईं के रूप
राम कहो या श्याम कहो , बाबा सभी के है रूप |

श्री साईं सत्चरित का, पाठ पांचवा होए
भक्तन भक्ति भाव से, श्रवण करे सुख होए |

बाबाजी हर बात से,सबको देवे ज्ञान
अहंकार को छोड़कर, करे भक्त गुणगान |

लख चौरासी जीव है इस जुग में
किस-किस में तू जियेगा, साईं लीला श्रवण से
मोक्ष द्वार खुल जायेगा |

बाबाजी को भिक्षा में, नहीं मिले जब तेल
जाल से ही दीप जलाके, साईं खेले खेल |

साईं राम




Offline anshul.udapure

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hey sai baba meri rakhsha kar .. muze sahi hraah dikha sai baaba .. muze sahi rah dikha..

 


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