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Author Topic: My dream kaash agar kaheen aisa hota  (Read 26562 times)

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Offline saisewika

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Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
« Reply #60 on: February 29, 2008, 11:01:25 AM »
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  • ओम साईं राम

    जिंदगी के गुलिस्तां में
    कई फूल खिल गए
    टूट कर बिखरने को थे
    कि साईं तुम मिल गए

    इल्ज़ाम दिए जा रहे थे
    सरे आम हमको सभी
    उन सभी हमराहिओं के
    होंठ जैसे सिल गए
    साईं तुम मिल गए

    पत्थर समझ कर फेंक दिया
    जिन्होंने ने हमे राह पर
    उन सभी पर्वतों के
    दिल भी जैसे हिल गए
    साईं तुम मिल गए

    कांटो का गलीचा बिछाया
    जिन्होने इन कदमों तले
    चले हम, पर उन रकीबों
    के दिल भी छिल गए
    साईं तुम मिल गए

    किनारा करके बैठे थे
    हमसे ही जो हम सफर
    आज गल बहियां डाल
    हमसे ही हिलमिल गए
    साईं तुम मिल गए

    तुम मिले तो मिल गया
    जैसे हमें सारा जहां
    ज़िन्दगी के आसमां पर
    तारे से झिलमिल गए
    साईं तुम मिल गए

    जय साईं राम

    Offline tana

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      • Sai Baba
    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #61 on: March 12, 2008, 11:44:24 PM »
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  • ॐ सांई राम~~~

    तेरी तस्वीर देखूतो जी चाहे कि बातें करूं,
    जब बाते करूं तो जवाब भी चाहूं ,
    तेरे तो आँख,हाथ सब बातें करते है,
    होठ यूँ लगते है कि बस अभी खुले है,
    ये शांत मुस्कान मुझे अधीर करे है,
    तू बोल ,क्यों नहीं बोलता है,
    तेरी तस्वीर में इतनी कशिश है,
    तो तेरा नूर कैसा होगा,
    सोच के दिल में कुछ होता है,

    हे सांई तू कैसा होगा......
    हर पल कृपा बरसाता है पर दिखाई क्यों नहीं देता है,
    तू मेरे पास है पल पल,सब मुझे बताता है,
    पर सामने क्यों नहीं आता है~~~

    जय सांई राम~~~

    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

    Offline saisewika

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #62 on: March 13, 2008, 08:22:56 AM »
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  • ओम साईं राम

    जब दीवानगी हद से गुज़र जाती है
    आशिक की हर बात में नज़र आती है

    आंखे ढूंढती हैं तुझको ही हर तरफ
    रूह भी चैन नहीं पाती है

    दिल तडपता है और आह सी निकलती है
    हर आह तुझे पैगाम ही पहुंचाती है

    क्या होगा गर तेरा ना दीदार मिला
    मर जाएंगे वो यूं भी वो जज़्बाती हैं


    जय साईं राम



    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #63 on: March 19, 2008, 08:15:45 AM »
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  • जय सांई राम।।।

    ज़िन्दगी के ख्वाब सजाते रहिये


    मुश्किल आये भी तो सदा मुस्कराते रहिये।
    अपने हाल का इल्म ना होने दें औरों को
    बुरे हालात को इस कदर छुपाते रहिये
    ख्वाब के सारे जनाने डूबे फिर भी
    अपने आप को निराशा से बचाते रहिये
    जब कभी तन्हा दिल हो आपका
    अपने दिल को औरों के बदले अपने बाबा से बहलाते रहिये
    आपकी राहों में फूल हों ना हों फिर भी
    औरों की राहों के काँटे हटाते रहिये
    क्या बुरा है इस ज़माने में कहें मेरे बाबा
    गम उठाकर भी खुशिया लुटाते रहिये

    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline saisewika

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #64 on: March 19, 2008, 02:05:01 PM »
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  • ओम साईं राम

    साईं जो साथ हों तो
    मुशकिलों में मुस्कुराने का हौसला आ जाता है

    वो जो हाथ पकडे तो
    भटका हुआ भी राह अपनी पा जाता है

    हम क्या कहें हम कोई वाइज तो नहीं
    साईं से जुड के ये हुनर खुद ही आ जाता है

    जय साईं राम

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #65 on: April 02, 2008, 10:55:25 AM »
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  • ओम साईं राम

    काश अगर कहीं ऐसा होता

    रात अंधेरी में जग सोता

    दबे पांव से धीरे धीरे

    आती गोदावरी के तीरे

    महक जहां है तेरी समाई

    सांसों में भर लेती साईं

    जल की बूंदों को छू कर के

    अंजली में पानी को भर के

    तुमको देती मैं आवाज़

    भक्ती सुर का सुन कर साज़

    आ जाते तुम मेरे ईश

    दर्शन पा कर हे जगदीश

    धन्य धन्य हो जाती दासी

    ये अखियां ना रहती प्यासी

    काश अगर तुम आ जाते

    नैनो की प्यास बुझा जाते


    जय साईं राम



    Offline tana

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #66 on: April 03, 2008, 12:33:55 AM »
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  • ॐ सांई राम~~~

    ओ मेरे बाबा,मेरे प्राणधार,मेरे सर्वाधार...
    मेरा जीवन तो बस तेरा प्यार,
    सब कुछ तुम हो मेरे सांई,
    मैं हूँ बेटी तेरी बाबा,
    हर पल तुझे बुलाती बाबा,
    दिल का हाल सुनाती बाबा,
    खुश रहूं या उदास रहूं कोई फर्क न पङता मुझको,
    क्योंकि तुम हो हर पल मेरे साथ,
    तुम ही मेरी निडरता हो,
    तुम हो मेरी ढ़ाल,
    डरूं कभी ना किसी से मैं ,
    कयोकिं जानू तुम हो हर पल मेरे साथ,
    बाबा तुम ही मेरे सब कुछ हो,
    तुम ही मेरा आधार,ओ मेरी सच्ची सरकार,
    बस मेरे बाबा एक बार तुम आजाओ,
    सूनी अखियों की प्यास बुझा जाओ,
    अब मन की तङप बुझा जाओ,
    एक बार बाबा तुम आजाओ~~~एक बार तुम बाबा आजाओ~~~

    जय सांई राम~~~
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #67 on: April 05, 2008, 11:28:54 AM »
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  • ओम साईं राम

    तेरे ही भरोसे जिए जा रहे हैं
    खुद पर ये करम हम किए जा रहे हैं

    कभी तेरी चर्चा, कभी तेरी याद
    कभी तुझसे मिलने को दिल बैताब

    कभी ख्वाबों में तुझसे मिलना मिलाना
    ख्यालों में उडके तेरे दर पे हो आना

    कभी घंटो बैठे तुझसे बातें ही करना
    तेरा नाम लिख कोरे पन्नों को भरना

    ना दिन में कभी ना ही रातों में सोना
    अकेले में यूं ही कभी बैठे रोना

    तुझे याद करके कभी मुस्कुराना
    कभी बे बात ही गुम सुम हो जाना

    लगता है कोई गहरा रोग लगा है
    साईं हमें तेरा वियोग लगा है

    पर नहीं चाहिए कोई इलाज दवाई
    प्रेम रोग की खुद दवा तुम हो साईं

    तुझे याद करके हम जीते रहेंगे
    दर्दे मोहब्बत हम पीते रहेंगे

    आ सको कभी सामने आ तुम जाना
    जीने का हमको मिलेगा बहाना

    जय साईं राम

    Offline Ramesh Ramnani

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #68 on: April 06, 2008, 03:25:52 AM »
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  • जय सांई राम।।।

    हां जी इन दिनों हम
    भी 'किसी' के प्‍यार
    में हैं सदा खोये
    दीवाने से लगते है
    अब यह मत पूछिएगा कि
    'किसके'?
    हवाओं के चांदनी के?
    या रेत के?
    बस प्‍यार है और इसलिये हम
    लिखते चले जा 
    रहे हैं 'वो' ही नाम
    जहां तहां
    इधर उधर चारों ओर
    उसके आजू बाजू
    लिख दे रहे हैं पवित्र
    मासूम निर्दोष की तरह
    और यह भी सोचते नहीं कि कंही
    कोई जान ने ले
    पहचान न ले
    उसे ज़ाहिर न कर दे
    डर है कि कंही कोई
    इसका इलाज ना सुझा दे
    वियोग के इस रोग
    को संझों के रखने में ही
    है फायदा कि
    अब ये समझ आ गई
    कि इससे बड़ी कोई दवा
    है नही कोई
    इस जगत में
    याद करके हम जीते रहेंगे
    दर्दे मोहब्बत हम पीते रहेंगे
    मुझे मालूम कि 'वो' सामने
    आये ना आये
    इसकी भी कोई
    अब ज़रूरत नही लगती
    क्योंकि हर वक्त हर लम्हें में
    'वो' ही 'वो' तो है समाया
    'उसकी' याद जो है
    सदा अपने संग...
    फिर काहे का ग़म....
       
    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline Ramesh Ramnani

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    जय सांई राम।।।

    काश़ कंही ऐसा होता कोई रासायनिक सपना भी अपना होता

    कितना अच्छा होता !
    अगर - ज़िंदगी के समीकरण भी
    कुछ वैसे ही होते;
    जैसे रसायन शास्त्र के,
    रासायनिक समीकरण।
    जिससे हमें पता चल जाता -
    परिणाम का,
    दो विचारों के मिक्स होने के पहले ही
    काश,
    हम सेट कर पाते -
    अपनी उद्विग्न सोच को -
    पहले से ही -
    उचित "ताप और दाब"  पर... ।
    और हम कर पाते -'
    बैलेंस -
    ज़िंदगी के उलझे, कठिन-
    समीकरणों को -
    परिणाम और निष्पत्ति के बाद भी.
    काश़!
       
    अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई

    ॐ सांई राम।।।
    अपना साँई प्यारा साँई सबसे न्यारा अपना साँई - रमेश रमनानी

    Offline saisewika

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #70 on: April 08, 2008, 11:42:08 AM »
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  • ओम साईं राम

    ज़िंदगी में कुछ उलझा है
    तो सुलझाएंगे साईं
    भक्तों को थामने खुद
    आएंगे साईं
    रसायन शास्त्र सा ना
    जीवन बन पाए
    ऐसी कोई राह
    दिखाएंगे साईं
    सोच और विचार को हम
    करें साईं अर्पण
    ताप और दाब का भी
    कर दें समर्पण
    निज हाथ में हम ना
    थामें ये जीवन
    साईं बदल देंगे
    सब बैलेंस उसी क्षण

    जय साईं राम

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #71 on: April 10, 2008, 01:04:59 PM »
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  • ओम साईं राम

    कल मेरे चंचल से चित्त ने
    फिर से भरी उडान
    जिस आंगन में जाकर उतरा
    ना था वो अन्जान

    जो भी इसने देखा सोचा
    उसे स्वप्न ही कह लो
    संग संग मेरे ख्वाब देख लो
    भक्ती भाव में बह लो

    मैंने देखा मै पहुंची हूं
    बाबा जी के धाम
    भक्त जनों से घिरे हुए थे
    साईं जी अभिराम

    बापू जोग जी कर रहे थे
    आरती की तैयारी
    द्वारकामाई में उमडी थी
    शिरडी की जनता सारी

    तात्या बैठे बाबा जी के
    दबा रहे थे पांव
    भागो जी छाते से करते
    सिर पर ठंडी छांव

    म्हालसापति ने उनके मुख में
    बीडा पान का डाला
    बूटी जी ने उन्हें ओढाने
    शेला एक निकाला

    शामा जी कुछ परेशान से
    दिखते थे गंभीर
    बाबा थके हैं यही सोच कर
    होते थे वो अधीर

    हाथ जोडकर शीश नवाए
    मैं भी वहीं खडी थी
    एकाएक बाबा की दृष्टि
    मुझ पर आन पडी थी

    बाबा जी ने नाम मेरा ले
    मुझको पास बुलाया
    कानों में कुछ शहद सा टपका
    रोम रोम लहराया

    धीरे से मैं कदम बढाती
    चली साईं की ओर
    मन मयूर मेरा खुश था इतना
    जिसका ओर ना छोर

    आंखो से गिरते थे आंसू
    काया कांप रही थी
    सच है या सपना है कोई
    इसको भांप रही थी

    बाबा जी के पास पहुंच कर
    मैंने शीश नवाया
    आशिश मुद्रा में बाबा ने
    अपना हाथ उठाया

    आंखे बंद थीं हाथ जुडे थे
    मुख पर था साईं नाम
    डर था आंख खुली तो
    ओझल ना हों साईं राम

    जाने कितनी देर रही मैं
    वैसे आंखे मीचे
    साईं के पद पंकज मैनें
    इन अंसुअन से सींचे

    सपना है तो इसको सपना
    रहने दो करतार
    नहीं जागना मुझे नींद से
    हे मेरे सरकार

    हे साईं रहने दो मुझको
    निज चरणों के पास
    हर क्षण दरशन तेरा पाऊं
    पूरी कर दो आस

    जय साईं राम


    Offline saisewika

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #72 on: April 14, 2008, 03:54:14 PM »
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  • ओम साईं राम

    हम मौसम तो नहीं
    जो बदल जाएंगे

    समय भी नहीं
    जो लौट कर ना आएंगे

    नदिया के पानी सी
    रवानी नहीं हममें

    जो एक बार कहीं से गुज़रें
    तो फिर मुड ना सकें

    हम तो तेरे दीवाने हैं साईं
    तेरे दर पे बार बार आएंगे

    जय साईं राम

    Offline saisewika

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    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #73 on: April 16, 2008, 01:00:40 PM »
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  • ओम साईं राम

    साईं तुझसे प्यार का पौधा
    निसदिन मैने सींचा है
    जितना प्यार भरा मेरे अंदर
    अंजलि भर भर उलीचा है

    याद मुझे है आज भी वो दिन
    तस्वीर तुम्हारी देखी थी
    उसी समय मेरे नन्हें चित्त में
    प्रेम की कोंपल फूटी थी

    जैसे जैसे बढी हुई मैं
    प्रेम का पौधा संग बढा
    सब भक्तों पर चढता जैसे
    मुझ पर तेरा रंग चढा

    उस पौधे में कोपल फूटी
    जब जब तेरा नाम लिया
    जडें जमीं मेरे मन के अंदर
    जब जब तुझको याद किया

    कभी जो मेरे इस जीवन में
    आंधी और झंझावत आए
    आहत ना हो प्रेम का पौधा
    ढांप लिया आंचल फैलाए

    प्रेमाश्रु की खाद पडी तो
    बढ बढ कर वो पेड बना
    शीतल छाया मुझको देकर
    इस जीवन की मेढ बना

    अब मैं और मेरा साईं अक्सर
    इसके नीचे आते हैं
    जीवन का हर दुख भूलते
    पुलकित हो हर्षाते हैं

    जय साईं राम

    Offline tana

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      • Sai Baba
    Re: My dream kaash agar kaheen aisa hota
    « Reply #74 on: April 23, 2008, 12:02:26 AM »
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  • ॐ सांई राम~~~

    काश, इक ऐसा रिश्ता हो,जिसका कोई नाम न हो,
    भले ही वो पास न हो,पर धङकन तक पहचानता हो,
    मेरी आँखों में जो आए आँसू,उसका वहां पर दिल घबराए,
    जो मैं कभी हो जाऊं उदास,तो उससे भी रहा न जाए,
    जब मैं करूं उसको जो याद,उसको भी फिर चैन न आए,
    जब भी मैं उसको पुकारूं,झट से वो मेरे सामने आए,
    मैं उससे कुछ भी न कहूँ,बिना कहे वो सब जान जाए,
    मैं उससे कुछ भी न छुपाऊं,वो भी मुझसे कुछ भी न छुपाएं,
    यदि ऐसा प्यारा रिश्ता हो जाए,इसके बाद फिर क्या रह जाए,
    ख्वाइश शांति से जीवन गुजारने की,उसी पल पूरी हो जाए!!!

    जय सांई राम~~~
    "लोका समस्ता सुखिनो भवन्तुः
    ॐ शन्तिः शन्तिः शन्तिः"

    " Loka Samasta Sukino Bhavantu
    Aum ShantiH ShantiH ShantiH"~~~

    May all the worlds be happy. May all the beings be happy.
    May none suffer from grief or sorrow. May peace be to all~~~

     


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