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Sai Literature => Sai Baba poems => Topic started by: rajiv uppal on January 06, 2008, 09:23:38 AM

Title: हर सांस में हर बोल में
Post by: rajiv uppal on January 06, 2008, 09:23:38 AM

हर सांस में हर बोल में साईं नाम की झंकार है .
हर नर मुझे भगवान है हर द्वार मंदिर द्वार है ..

ये तन रतन जैसा नहीं मन पाप का भण्डार है .
पंछी बसेरे सा लगे मुझको सकल संसार है ..

हर डाल में हर पात में जिस नाम की झंकार है .
उस साईंनाथ के द्वारे तू जा होगा वहीं निस्तार है ..

अपने पराये बन्धुओं का झूठ का व्यवहार है .
मनके यहां बिखरे हुये साईं ने पिरोया तार है ..


http://www.shirdi-sai-baba.com/sai/sai-baba-bhajans/हर-सांस-में-हर-बोल-में-साईं-नाम-की-झंकार-है-t258.0.html
Title: Re: हर सांस में हर बोल में
Post by: Ramesh Ramnani on January 24, 2008, 07:32:31 AM
जय सांई राम।।।

वह जिससे शुरू
और जिसमें खत्म हो
तृप्ति का स्त्रोत...
वह है मेरा आराध्य
मेरा सांई बाबा....
और इसी आराध्य से मेरे
अस्त्तिव की पहचान है

अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई


ॐ सांई राम।।।