जय सांई राम़।।।
सम्पूर्णता!
दुनिया में
क्या कोई
सम्पूर्ण व्यक्ति है?
यदि ऐसा होता
तो दुनिया से
अधर्म न मिट जाता?
लोग कभी कोई
गल्ती न करते!
मैं भी
एक सम्पूर्ण व्यक्ति नहीं हूँ
इसलिये शायद
अपनी बात
सही तरीके से
न कह पाऊँ
पर कोई भी तो
सम्पूर्ण नहीं है
दरअसल लगभग
निन्यानवे प्रतिशत व्यक्तियों में
कोई न कोई
कमी है
किसी में
अच्छे गुण अधिक हैं
किसी में बुरे गुण
पर हमें तो
इन सब के साथ
तालमेल बिठाना ही पड़ेगा
नहीं तो
दुनिया में
रहना दूभर हो जायेगा
और
समाज चल नहीं पायेगा
इसलिये
किसी ने सही कहा है
दूसरे की
कमी देखने से पहले
अपनी कमी भी देखो
यदि तुम किसी की
कमी नज़रंदाज नहीं करोगे
तो तुम्हारी कमी कोई
क्यों सहन करेगा
इक-दूजे के साथ
चलने के लिये
इक-दूजे को सहन
तो करना ही पड़ेगा
इक-दूजे को
सहारा तो देना ही पड़ेगा
तभी तो कोई
रिश्ता निभेगा
तभी तो समाज बनेगा
और
आगे चलेगा
चलता ही रहेगा
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।