ॐ सांई राम...
सिर्फ़ तुम...मेरे बाबा~~~
मेरी सोच की उङान है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी नज़र की हद है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी सेहर है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी बरसात है जहां तक,
घाट तुम ही तुम हो,
मेरी ख्वाबों का महल है जहां तक,
हर कदम पे तुम ही तुम हो,
मेरी दिल की वादी है जहां तक,
हर चेहरा तुम ही तुम हो,
मेरे चेहरे पे मुस्कराहट है जब तक,
मुस्कराहट तुम ही तुम हो,
मेरी आंखों की शरारत है जब तक,
वो शरारत तुम ही तुम हो,
मेरे प्यार की सेहर है जहां तक ,
उस् सेहर में तुम ही तुम हो,
मेरे प्यार का जादू है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी आरज़ू बिखरी है जहां तक,
वो उम्मीद तुम ही तुम हो,
मुझे सहारा है जहां तक,
वो साहेबान् तुम ही तुम हो,
मेरे दिल की खुशियाँ है जहां तक,
वो सपने तुम ही तुम हो,
मेरी नज़र में चाँदनी है जहां तक,
वो रोशनी तुम ही तुम हो,
मेरी उम्मीद की किरने है जहां तक,
वो सब रोशनियाँ तुम ही तुम हो....
~~~~~~~~~~~~~सांई राम...........तुम ही तुम हो ~~~~~~~~~~~~~~~
जय सांई राम....