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सर्व सुलभ हैं साईं हमारे,जन मन चाँद नयन के तारे।
सबके सुख दुख में मिल जाते,पूरा हित अति प्रेम दिखाते॥
आर्त पीड़ित को जब पाते,उसके दुखड़े दूर कराते।
जाते उत्सव जहां मनाते,पिता भाई ज्यों वे हर्षाते॥
http://www.shirdi-sai-baba.com/sai/कविताये/सर्व-सुलभ-हैं-साईं-हमारेजन-मन-चाँद-नयन-के-तारे।-t48.0.html
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OM SAI RAM
Haan mere sai aise hi hain
jis roop me dekho vaise hi hai
seedhe saade adhbut sant
teri gaatha sukhad anant
karuna saagar daya nidhaan
karo kalyaan karo kalyaan
servavyapi, servadhaar
mahima teri apram paar
nirgun, nirmal, sabse nyaare
nirbal jan ke paalan haare
purushottam ati sukhdaayi
he narottam servasahaaee
kalyaankaari karunavtaar
dayasindhu mere sarkaar
praanvaayu sum praandaayak
phaldaayak ho servasahaayak
sabke anterman ke gyataa
purna gyaani tumhi vidhaata
patit jano ke taaran haare
hindu muslim sabke pyaare
sabke saathi sabki aas
sabke harne paap aur traas
karne door sabhi ke sankat
karne saaf sabhi ke kantak
dene vardaan tum verdaani
bhoo par utre anteryaami
JAI SAI RAM
saisewika
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ॐ सांई राम~~~
~~~*सब से प्यारे...सब से न्यारे हमारे सांई~~*~~दया की मूर्ति हमारे सांई~~~
सांई शक्ति~~~बाबा सांई~~~
सांई भक्ति~~~बाबा सांई~~~
सांई जीवन~~~बाबा सांई~~~
सांई मुक्ति~~~बाबा सांई~~~
सांई दर्पण~~~बाबा सांई~~~
सांई अर्पण~~~बाबा सांई~~~
सांई सुमिरन~~~बाबा सांई~~~
सांई चिन्तन~~~बाबा सांई~~~
सांई मंथन~~~बाबा सांई~~~
सांई तनमन~~~बाबा सांई~~~
सांई सत्यम्~~~बाबा सांई~~~
सांई शिवम्~~~बाबा सांई~~~
सांई सुन्दरम्~~~बाबा सांई~~~
सांई सांई~~~बाबा सांई~~~
सांई सांई~~~सत्य सांई~~~
सांई सांई~~~राम सांई~~~
सांई सांई~~~श्याम सांई~~~
सांई सांई~~~देवा सांई~~~
जय सांई राम ~~~
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~~साईं तन में तू , है मन में तू।
साईं रोम रोम जीवन में तू॥
साईं चरण मन छू मन छू।
साईं है मेरे प्रभु , साईं प्रभु साईं प्रभु॥~~
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OM SAI RAM
Sai baahar, sai andar
sai naam ka mun me mandir
sainaath ki bholi soorat
sabse pyaari unki moorat
sai pita hai sai mata
sai daata sai vidhaata
sai bhai sai bundhoo
deen dayaala, krupasindhoo
JAI SAI RAM
saisewika
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जय सांई राम।।।
अचानक कोई याद आ गया। मन में कुछ पिघला। एक अजीब सी मुस्कान अधरों पर बिखर गयी। नयन-कोर पर दो अश्रुकण अटक कर रह गए और फिर देर तक आंखें बंद कर, दूर बैठे किसी अपने की स्मृतियों में डूब गया मेरा मन। इसी क्षण को शब्दातीत आनंदानुभूति कहते हैं....है ना?
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
ॐ सांई राम।।।
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करूं मैं तेरा शुक्रिया किस ज़ुबां से
मैं तो हर पल तेरी मर्ज़ी का बन्दा
कहां से गिराया कहां से उभारा
ज़माना अगर छोड दे बेसहारा
मुझे फ़िक्र क्या मेरे साईं तो हैं.....
http://www.shirdi-sai-baba.com/sai/कविताये/करूं-मैं-तेरा-शुक्रिया-किस-ज़ुबां-से-t47.0.html
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ॐ सांई राम~~~
मेरे सांई सर्वाधार , मेरे जीवन के तुम सार,
दो अक्षर का नाम तुम्हारा ,सब से सुन्दर सब से प्यार,
कहने को तो दो अक्षर है "सांई "
पर सारी स्रष्टी का सार समाया है ,
हर पल जो भी हो रहा
सभी श्रा सांई की माया है!
सुख दुख दोनों इनके बस में,
इनका अन्त कही नहीं पाया है!
मुझे भी अपनाओं सांई जी ,
मुझे भी दासी बनाओं सांई जी ,
इक बार इक झलक दिखाओं सांई जी ,
दासी को पार लगाओं सांई जी!!!
सांईराम ~~~~~
http://www.shirdi-sai-baba.com/sai/कविताये/मेरे-सांई-सर्वाधार-मेरे-जीवन-के-तुम-सार-t46.0.html
जय सांई राम~~~
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जय सांई राम।।।
आँखें होती है दिल की ज़ुबान
ये माना मैने
पर हिम्मत नही जुटा पाती
होंठ है
मगर कुछ कह नही पाते
अपनी बेबसी किस तरह कहें हज़ूर
कोई है जिनके बगैर हम रह नही पाते।
वो है कि बिना कुछ कहे सब समझ जाता है
क्योकि वो कोई और नही हज़ूर वो तो अपना बाबा सांई हैं।
अपना सांई प्यारा सांई सबसे न्यारा अपना सांई
http://www.shirdi-sai-baba.com/sai/कविताये/आँखें-होती-है-दिल-की-ज़ुबान-t45.0.html
ॐ सांई राम।।।